सरकार ने जीविका कर्मियों का मानदेय बढ़ाकर दो गुना कर दिया गया है। साथ ही जीविका दीदियों को अब पहले से सस्ती दर पर बैंक से लोन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार शाम को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जीविका स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख रुपये से ज्यादा के लोन पर 10 की जगह 7 प्रतिशत की ब्याज देना होगा। सीएम नीतीश ने इससे कुछ ही घंटे पहले बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों के पेंशन में बढ़ोतरी की थी।
सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि सस्ता लोन मिलने से जीविका दीदियों की आमदनी बढ़ेगी और उनके जीवन स्तर में और सुधार होगा। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों से जुड़े विभिन्न प्रकार के प्रशासनिक, प्रशिक्षण एवं अन्य कार्यों के लिए 1.40 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने जीविका से जुड़े सभी कर्मियों के मानदेय में दोगुने की वृद्धि का फैसला लिया है। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा।
सीएम नीतीश ने कहा कि महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए साल 2006 में हमारी सरकार ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर जीविका परियोजना की शुरुआत की थी। अब तक राज्य की लगभग 1.40 करोड़ जीविका दीदियां स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
चुनाव से पहले ताबड़तोड़ फैसले ले रहे नीतीश
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव से पहले ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। शनिवार को ही मुख्यमंत्री ने बिहार में बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को हर महीने वाली पेंशन को 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये करने का ऐलान किया। इसका लाभ राज्य के 1.09 करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा।
दो दिन पहले ही नीतीश सरकार ने स्कूलों में नॉन टीचिंग स्टाफ के 15 हजार पदों पर होने वाली भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा की थी।
बीते 12 जून को नीतीश ने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय को बढ़ाने का फैसला लिया। इसके तहत मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य से लेकर जिला परिषद के अध्यक्ष और पंचायत समिति सदस्य तक के मानदेय में डेढ़ से दो गुना तक की बढ़ोतरी की गई थी।