सेना में अधिकारी बनकर बेटे ने किसान पिता और आंगनबाड़ी सेविका माता के सपनों को साकार कर दिखाया है। देहरादून एकेडमी में जैसे ही पासिंग आउट परेड का अंतिम कदम पूरा हुआ, एकेडमी में मौजूद माता-पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। पासिंग आउट के बाद सेना अधिकारी पुत्र विकास भारद्वाज ने अपनी मां को गले लगा लिया।
बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल के चौगाई प्रखंड के ठोरीपांडेयपुर निवासी किसान हरेराम पांडेय और आंगनबाड़ी सेविका माता के पुत्र विकास भारद्बाज की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई थी। बेटे के भविष्य संवारने को लेकर माता-पिता शुरू से ही प्रयत्नशील रहे। यही वजह थी कि छठी कक्षा में विकास को नालंदा के सैन्य स्कूल में दाखिला मिल गया।
पासिंग आउट परेड में पहुंचे विकास के माता-पिता बेटे की सफलता पर फूले नहीं समा रहे थे। पासिंग आउट परेड का अंतिम कदम पूरा होते ही मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। लेफ्टिनेंट का स्टार और टोपी पहने जब विकास मां से लिपटा, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू साफ दिख रही थी। विकास को सिख के सातवीं बटालियन का लेफ्टिनेंट बनाया गया है।
गांवों में प्रतिभा की नहीं है कमी
लेफ्टिनेंट विकास का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है। विकास का मानना है कि यदि लक्ष्य साफ हो और सकारात्मक पहल किया जाए तो वह कदम सफलता की मंजिल तक पहुंचाती है। उनका कहना है कि लक्ष्य को साधते हुए लगन से यदि युवा कड़ी मेहनत करता है, तो उसे सफलता की ओर बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। विकास का एक भाई इंजीनियर और छोटी बहन नवोदय की छात्रा है। विकास की सफलता पर गांव में काफी खुशी है।