मतदाताओं को जल्द ही डिजिटल वोटर आईडी कार्ड मिलेगा. चुनाव आयोग वोटरों को डिजिटल निर्वाचन फोटो पहचान पत्र उपलब्ध कराने की तैयारी में है. डिजिटल वोटर आईडी कार्ड आपके फोन पर डाउनलोड होगा और आप इसे कभी भी आसानी से इस्तेमाल कर पाएंगे. हालांकि, आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने अभी कोई फैसला नहीं किया है. फिलहाल हमें वोटर आईडी कार्ड के हार्ड कॉपी की जरूरत पड़ती है. लेकिन डिजिटल कार्ड आने से आपका हर काम सॉफ्ट कॉपी से भी हो सकता है.
वोटर तक पहुंचने में लगेगा कम समय
चुनाव आयोग के आधिकारी के मुताबिक, डिजिटल वोटर कार्ड को मोबाइल, वेबसाइट, ई-मेल के जरिए रखा जा सकता है.
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बताया जा रहा है कि नए मतदाताओं को यह ऑटोमैटिक सुविधा मिलेगी, जबकि मौजूदा मतदाताओं को मतदाता हेल्पलाइन ऐप के जरिए कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए मतदाताओं को रजिस्टर मोबाइल नंबर पर कार्ड डाउनलोड करने के बाद यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी.
डिजिटल फॉर्मेट वाले कार्ड में मतदाता के बारे में जानकारी वाले दो अलग-अलग क्यूआर कोड नजर दिखेंगे. एक क्यूआर कोड में मतदाता का नाम दर्ज होगा और दूसरे में मतदाता से जुड़ी अन्य जानकारियां दिखेंगी. बताया जा रहा है कि अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में यह बदलाव देखने को मिल सकता है.
1993 में हुआ लागू
मुख्य रूप से भारतीय मतदाता पहचान पत्र का इस्तेमाल नगरपालिका, राज्य और राष्ट्रीय चुनाव में मत डालने के लिए किया जाता है. साथ ही ये भारतीय नागरिकों के लिए एक पहचान प्रमाण के रूप में भी कार्य करता है. इसे पहली बार 1993 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने लागू कराया था, जिससे चुनावी धांधली को रोकने में बड़े स्तर पर मदद मिली थी.
प्रारंभ में मतदाता पहचान पत्र नियमित कागज पर काली स्याही से छपे होते थे और उनपर प्लास्टिक की परत चढ़ी होती थी. साल 2015 में भारत सरकार ने सबसे कम खराब होने वाले पीवीसी रंग का इस्तेमाल इसकी छपाई के लिए किया. इसके बाद से ये उसी रंग में छपते हैं. आमतौर पर इसका उपयोग एटीएम कार्ड में किया जाता है.
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The post अब मोबाइल पर डाउनलोड होगा आपका वोटर आईडी कार्ड! जानें- कब हुई थी इसकी शुरुआत