जमुई। इंसाफ दिलाने वाले पर घिनौना कुकर्म का आरोप लगा है। सिकंदरा थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग छात्रा ने जमुई व्यवहार न्यायालय में कार्यरत बोधवन तालाब निवासी अधिवक्ता अंजनी उर्फ अनिल यादव पर नौकरी दिलाने के नाम पर एक वर्ष से शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। डरी-सहमी छात्रा घटना की जानकारी स्वजन को देने से डरती रही और अधिवक्ता ब्लैकमेल कर लगातार शारीरिक शोषण करता रहा। स्वजनों को घटना की जानकारी उस वक्त हुई जब नाबालिग 14 अक्टूबर को गायब हो गई और ढूंढने के बाद भी नहीं मिली। उसके बाद अधिवक्ता द्वारा ही सोमवार की रात तकरीबन 10 बजे स्वजन को फोन कर नाबालिग के मिलने की सूचना दी गई। फिर स्वजन द्वारा अधिवक्ता के घर से छात्रा को लाया गया। पूछ-ताछ के दौरान नाबालिग छात्रा ने अधिवक्ता का काला चि_ा स्वजन को बताया फिर एससी/एसटी थाना में अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
बाइक से शेखपुरा ले जाकर करता था दुष्कर्म
नाबालिग छात्रा ने बताया कि भागलपुर में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के पद पर इंटरव्यू होने की बात कहकर उसे शेखपुरा ले जाकर दो दिन तक एक कमरे में रखकर दुष्कर्म करता था और किसी को बताने के एवज में जान मारने की धमकी देता था।
नौकरी के लिए लिया था 50 हजार
स्वजन ने बताया कि एक वर्ष पूर्व कोर्ट में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर स्वजन से 50 हजार रुपया लिया था। जब काफी दिन हो गई तो 40 हजार रुपया लौटा दिया गया। उसके बाद तीन महीना पहले अचानक इंटरव्यू होने की बात कहकर छात्रा को अपने साथ ले गया था।
छात्रा द्वारा आवेदन देने के बाद मुकदमा दर्ज कर मेडिकल जांच भी कराया गया है। पीडि़ता के बताए जगहों पर भी तलाशी ली गई लेकिन आरोपित अधिवक्ता के घर पर ताला लगा हुआ पाया गया। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। दोषी को गिरफ्तार किया जाएगा। फिलहाल अधिवक्ता फरार है। राजेश कुमार,एससी/एसटी थानाध्यक्ष जमुई।