भूमि सुधार जनकल्याण संवाद में उमड़ी फरियादियों की भीड़, 1200 से अधिक आवेदन — विजय सिन्हा ने दिए त्वरित समाधान के निर्देश
सहरसा।
भूमि से जुड़े लंबित मामलों के त्वरित और पारदर्शी समाधान के उद्देश्य से आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण संवाद में बुधवार को सहरसा के प्रेक्षागृह में फरियादियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री सह मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विजय कुमार सिन्हा ने की। सुबह नौ बजे से ही जिले के सभी दस प्रखंडों से आए पीड़ित रजिस्ट्रेशन काउंटर पर कतार में लगने लगे और दिनभर आवेदन लेने की प्रक्रिया चलती रही। कुल मिलाकर 1200 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए।
संवाद को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि से जुड़े मामलों में देरी आम नागरिकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी है और सरकार कार्यप्रणाली को सरल, पारदर्शी व समयबद्ध बनाने के लिए लगातार सुधारवादी कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान की शुरुआत 12 दिसंबर को पटना से हुई थी और सहरसा इसका पांचवां पड़ाव है। अगला संवाद 5 जनवरी को भागलपुर में आयोजित किया जाएगा।
अब सेवाएं होंगी और सरल व समयबद्ध
मंत्री श्री सिन्हा ने घोषणा की कि 1 जनवरी से राजस्व अभिलेखों की सत्यापित नकल केवल ऑनलाइन उपलब्ध होगी। नगर निकाय क्षेत्रों में भी अब अंचलाधिकारी वंशावली निर्गत करेंगे। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा संयुक्त विधिक पहल की गई है।
एससी-एसटी पर्चाधारियों को उनकी आवंटित भूमि पर शत-प्रतिशत दखल दिलाने के लिए ऑपरेशन भूमि दखल दिहानी शुरू किया गया है। वहीं परिमार्जन प्लस मामलों के निष्पादन के लिए स्पष्ट समय सीमा तय की गई है — लिपिकीय त्रुटियों के लिए 15 दिन, तकनीकी त्रुटियों के लिए 35 दिन और जटिल मामलों के लिए अधिकतम 75 कार्य दिवस।
पारिवारिक बंटवारा पोर्टल और विशेष अभियान
मंत्री ने बताया कि पारिवारिक बंटवारा पोर्टल शुरू कर दिया गया है, जिससे एक ही आवेदन पर सभी हिस्सेदारों के नाम अलग-अलग दाखिल-खारिज हो सकेंगे। पुराने दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस मामलों के निष्पादन के लिए 15 जनवरी तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें सप्ताह में छह दिन सुबह नौ से रात नौ बजे तक काम होगा।
ई-मापी और पंचायत स्तर पर बैठेंगे कर्मचारी
ई-मापी व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए मापी के बाद उसी दिन वीडियो, फोटो और मापी प्रतिवेदन ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। अब राजस्व कर्मचारी अंचल कार्यालय की बजाय पंचायत में बैठकर काम करेंगे।
फर्जीवाड़ा करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
फर्जी कागजात के आधार पर मामलों को उलझाने वालों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी अंचल कार्यालयों में सूचना पट्ट पर अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम व मोबाइल नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा। शिकायत पेटी की व्यवस्था कर उसका समयबद्ध निबटारा सुनिश्चित किया जाएगा।
जन सुनवाई में ऑन-स्पॉट समाधान
जन संवाद में कुछ मामलों का मौके पर ही समाधान किया गया। कहरा और नवहट्टा प्रखंड से सबसे अधिक शिकायतें आने पर मंत्री ने संबंधित अंचलाधिकारियों को फटकार लगाई और कार्यप्रणाली में सुधार के निर्देश दिए। नवहट्टा में पर्चाधारियों को दखल नहीं दिलाने पर अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया।
मंत्री ने स्पष्ट कहा कि कोई भी थानेदार सीधे जमीन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा और अधिकारियों की शिथिलता से अपराध को बढ़ावा मिल रहा है।
आवेदनों पर होगी ऑनलाइन ट्रैकिंग और पुनः समीक्षा
मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी आवेदनों को कंप्यूटर पर अपलोड कर आवेदकों के मोबाइल पर क्रमवार कार्रवाई की सूचना दी जाएगी। 14 जनवरी के बाद सभी मामलों की पुनः समीक्षा भी की जाएगी।
कार्यक्रम में प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार, विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, अपर सचिव आजीव वत्सराज, एसपी हिमांशु, प्रभारी जिलाधिकारी निशांत, उपनिदेशक मोना झा, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी संजीव कुमार चौधरी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता शीतू शर्मा, सभी अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे।