उन्होंने कहा है कि ये सरकार नहीं कर रही है ये कोर्ट का आदेश है. यदि गरीब का घर टूटता है तो सरकार पैसे भी देती है.
श्रवण कुमार ने क्या कहा ?
बिहार में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान घरों को तोड़े जाने के मुद्दे पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि "यह सरकार का निर्णय नहीं, बल्कि हाई कोर्ट का आदेश है. सरकार सिर्फ कोर्ट के निर्देशों को लागू करवा रही है."
सरकार देती है पैसे
उन्होंने आगे बताया कि यदि किसी गरीब का घर टूटता है और उसके पास रहने के लिए दूसरी जमीन नहीं है तो सरकार उसे 1 लाख रुपये जमीन खरीदने के लिए देती है. यदि आसपास सरकारी जमीन उपलब्ध हो, तो 5 डिसमिल जमीन उपलब्ध कराई जाती है. घर बनाने के लिए 1,20,000 रुपये, शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपये और यदि लाभार्थी मनरेगा मजदूर है तो 90-95 दिन की मजदूरी भी दी जाती है.
जिसका घर टूटता है उसे मिलते हैं 3.5 लाख रुपये
मंत्री ने कहा, "लगभग 3.5 लाख रुपये तक की सहायता ऐसे गरीब लोगों को दी जाती है जिनके घर टूटते हैं. बिहार में कोई 'बुलडोजर मॉडल' नहीं है. यहां नीतीश कुमार का 20 वर्षों से चला आ रहा सुशासन मॉडल है. 2005 से पहले बिहारी कहलाना अपमान माना जाता था लेकिन आज यह सम्मान का विषय है. यह नीतीश कुमार की ही देन है."