Kosi Live-कोशी लाइव BIHAR:बिहार में बड़े स्तर पर छंटनी की तैयारी: वोटर लिस्ट के बाद अब राशन कार्ड से 54 लाख से ज्यादा नाम हटेंगे, कहीं आपका नाम तो नहीं? - Kosi Live-कोशी लाइव

KOSILIVE BREAKING NEWS

Friday, December 12, 2025

BIHAR:बिहार में बड़े स्तर पर छंटनी की तैयारी: वोटर लिस्ट के बाद अब राशन कार्ड से 54 लाख से ज्यादा नाम हटेंगे, कहीं आपका नाम तो नहीं?

Bihar Ration Card: बिहार सरकार ने पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में पारदर्शिता और पात्र लोगों तक ही लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अब तक की सबसे बड़ी वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू कर दी है.

राज्यभर में पहले चरण में 54.20 लाख से अधिक नामों को राशन कार्ड सूची से हटाने की तैयारी है. यह कार्रवाई तब तेज हुई जब राशन कार्डों को आधार से लिंक किया गया और कई विभागों के रिकॉर्ड मिलान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आईं.

राज्यभर में बड़े आंकड़े सामने आए

ऑफिशियल रिपोर्ट बताती है कि सीतामढ़ी में करीब 99 हजार, मुजफ्फरपुर में 2.34 लाख और पूर्वी चंपारण में लगभग 1.5 लाख ऐसे लाभार्थी चिह्नित किए गए हैं, जो पात्रता के मानकों पर खरे नहीं उतरते. इन जिलों ने विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

पटना में 10.33 लाख एक्टिव राशन कार्ड हैं, जिनमें शहरी क्षेत्र के 2.30 लाख कार्ड शामिल हैं. चल रहे E-KYC वेरिफिकेशन के दौरान अनुमान लगाया गया है कि करीब 65 से 70 हजार नाम गलत दस्तावेजों या अयोग्य श्रेणी के कारण हटाए जा सकते हैं.

डेटा मिलान में खुली गड़बड़ियां

सप्लाई विभाग ने राशन कार्ड डेटा को रेवेन्यू एवं लैंड रिफॉर्म्स, ट्रांसपोर्ट, इनकम टैक्स और सिविल रजिस्ट्रेशन डेटाबेस से मैच किया. इसमें चौंकाने वाली विसंगतियां सामने आईं.

  • कई लाभार्थियों के पास 2.5 एकड़ से अधिक जमीन पाई गई.
  • कई लोग चार पहिया वाहन के मालिक निकले.
  • इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले भी राशन सूची में शामिल मिले.
  • सरकारी रिकॉर्ड में मृत व्यक्तियों के नाम भी अब तक सक्रिय थे.

इसके बाद जिलों के सप्लाई अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी नाम को हटाने से पहले फील्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से किया जाए.

केंद्र के निर्देश के बाद प्रक्रिया में आई तेजी

वन नेशन, वन राशन कार्ड स्कीम के लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अपडेटेड और साफ डेटा मांगा. इसके बाद बिहार में वेरिफिकेशन की रफ्तार और बढ़ गई. गलत दस्तावेज जमा करने वालों को विभाग नोटिस भेजेगा. 90 दिनों के भीतर उनकी पात्रता की दोबारा जांच होगी. अगर उल्लंघन की पुष्टि होती है, तो संबंधित नामों को स्थायी रूप से सूची से हटा दिया जाएगा.