राज्य के एक लाख 14 हजार केंद्रों को बायोमैट्रिक सिस्टम से जोड़ा जायेगा. जहां हर दिन सेविका-सहायिका को अटेंडेंस बनाना होगा. विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है.
सेविका-सहायिका को बनाना होगा अटेंडेंस
जानकारी के मुताबिक, जल्द ही नये एप के माध्यम से सभी केंद्र सेविका-सहायिका को अटेंडेंस बनाना होगा, ताकि केंद्र समय पर खुल सकें. दरअसल, फिलहाल 34 प्रतिशत से अधिक केंद्र समय पर नहीं खुलते हैं. नया सिस्टम अप्रैल से काम करेगा. विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि जब तक बायोमैट्रिक सिस्टम से केंद्रों को नहीं जोड़ा जाता है. उस वक्त तक सभी एलएस को हर दिन किसी एक केंद्र पर जाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ना है. जिसमें सेविका और सहायिका को यह दिखाना है कि केंद्र खुला हुआ है.
अटेंडेंस नहीं बनने पर आयेगा रिमाइंडर
साथ ही यही रिपोर्ट एलएस को हर दिन सीडीपीओ को भेजना होगा. इसमें नहीं जुड़ने वाली सेविका-सहायिका के संबंध में मान लिया जायेगा कि उनका केंद्र समय पर नहीं खुला है. ऐसे केंद्र की संचालिका पर कार्रवाई की जायेगी. नयी तकनीक में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का कोड और सेविका-सहायिका का नाम दर्ज रहेगा. यहां से बायोमैट्रिक में अटेंडेंस नहीं बनने पर तुरंत सेंटर खुलने का समय होते ही सेविका के मोबाइल पर रिमाइंडर आ जायेगा.
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिये मेगा प्लान तैयार
इससे पहले खबर यह भी आई थी कि आगनबाड़ी केंद्रों को दुरुस्त किया जायेगा. पटना जिले के आंगनबाड़ी केंद्र छोटी झोपड़ियों या तंग किराये के कमरों में नहीं चलेंगे. सरकार ने इन केंद्रों को आधुनिक और पक्के भवनों में शिफ्ट करने का मेगा प्लान तैयार कर लिया है. नाबार्ड के सहयोग से शुरू होने वाली इस योजना के तहत अब बच्चों को पढ़ाई और पोषण के लिए अपना स्थायी और सुरक्षित आशियाना मिलेगा. जिला प्रशासन ने इसके लिए कमर कस ली है और पहले चरण में सात प्रमुख अंचलों को इस बदलाव के लिए चुना गया है.