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Saturday, December 6, 2025

बिहार में 72,000 फर्जी शिक्षकों पर गिरेगी गाज! शिक्षा विभाग ने बना लिया एक्शन का पूरा प्लान

बिहार में 72,000 फर्जी शिक्षकों पर गिरेगी गाज! शिक्षा विभाग ने बना लिया एक्शन का पूरा प्लान

पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को झकझोर देने वाली बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। राज्य के सरकारी स्कूलों में तैनात हजारों शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों की लंबी सूची तैयार की है जिनके प्रमाणपत्र जांच में अवैध, फर्जी या डुप्लीकेट पाए गए हैं। अनुमान है कि ऐसे शिक्षकों की संख्या 72,000 से भी अधिक हो सकती है। विभाग ने अब इन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मन बना लिया है।

वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षक अब निशाने पर

बिहार के विभिन्न जिलों में वर्षों पहले बहाल किए गए शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी प्रमाणपत्रों की जांच कई वर्षों से लंबित थी। प्रमाणपत्र सत्यापन अभियान तेज होने के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। बड़ी संख्या में शिक्षकों के दस्तावेज या तो मानकों पर खरे नहीं उतरे या फिर पूर्णतः फर्जी पाए गए।

इन शिक्षकों में से कई लंबे समय से सरकारी स्कूलों में पदस्थापित थे और नियमित वेतन भी प्राप्त कर रहे थे। अब जब जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के पास पहुंची है, विभाग कार्रवाई के अंतिम चरण में है।

शिक्षा विभाग का पूरा एक्शन प्लान तैयार

सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने फर्जी या संदिग्ध दस्तावेजों वाले शिक्षकों की व्यक्तिगत फाइलें तैयार कर ली हैं। विभाग जल्द ही इन सभी शिक्षकों को नोटिस भेजने वाला है। अधिकारियों के मुताबिक, इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और यह सुनिश्चित करना है कि सिस्टम में केवल योग्य शिक्षक ही बने रहें।

विभाग की योजना के प्रमुख बिंदु:

पहले चरण में सभी संदिग्ध शिक्षकों को शो-कॉज नोटिस भेजा जाएगा।

शिक्षकों को अपने प्रमाणपत्रों की वैधता साबित करने का अवसर दिया जाएगा।

साक्ष्य संतोषजनक न होने की स्थिति में उनकी सेवाएँ तत्काल समाप्त कर दी जाएंगी।

फर्जी दस्तावेज जमा करने वाले शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।


एक लंबी और जटिल जांच प्रक्रिया

प्रमाणपत्र सत्यापन की पूरी प्रक्रिया पिछले कुछ वर्षों से चल रही है। कई शिक्षकों की बहाली 10–15 वर्ष पहले हुई थी, लेकिन किसी कारणवश उनके दस्तावेजों का सत्यापन लंबित रह गया था। हाल ही में सत्यापन अभियान को प्राथमिकता दी गई और विशेष टीमों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।

जांच के दौरान:

कई टीईटी, बीएड, डीएलएड और शैक्षणिक डिग्रियों के प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए गए।

कुछ दस्तावेज ऐसे मिले जो पूरी तरह डुप्लीकेट थे।

विभाग को कई नकली विश्वविद्यालयों व संस्थानों से जारी फर्जी सर्टिफिकेट भी मिले।


इस जांच ने हजारों शिक्षकों की नींद उड़ा दी है और कई जिलों में बेचैनी का माहौल है।

राज्य में खाली होंगे हजारों पद, नई बहाली का रास्ता साफ

विभाग की सख्त कार्रवाई के बाद बड़ी संख्या में शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं। इससे राज्य में शिक्षकों के हजारों पद रिक्त हो जाएंगे। शिक्षा विभाग के अंदरखाने यह भी चर्चा है कि इन रिक्त पदों को भरने के लिए भविष्य में नई बड़ी बहाली प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

सरकार का सख्त संदेश

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाना न केवल अवैध है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। सरकार का रुख स्पष्ट है कि जो भी शिक्षक दोषी पाए जाएंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।