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Thursday, November 27, 2025

DMCH आर्थो विभाग में कदम रखते ही चौंक जाएंगे आप, यहां फर्श बना मरीजों का सहारा

दरभंगा। डीएमसीएच के न्यू सर्जिकल बिल्डिंग के दूसरे तल पर संचालित आर्थो विभाग में बेड की भारी कमी के कारण मरीजों को ठंड के मौसम में भी फर्श पर लिटा कर इलाज करना पड़ रहा है।

दवा और भोजन उपलब्ध होने के बावजूद बेड की व्यवस्था न होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।

कई मरीजों को बेड न मिलने के कारण फर्श पर ही रखा गया है। मधुबनी जिले के फुलपरास थाना क्षेत्र के बगहा कुसमार निवासी मंजू देवी (29) का बायां कंधा घर पर गिरने से टूट गया। तीन दिनों से भर्ती हैं, लेकिन बेड नहीं मिला। दवा और भोजन मिल रहा है, पर फर्श पर रहने से तकलीफ बढ़ रही है।

सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के भरवाड़ा निवासी चंदन कुमार राम (32) 11 नवंबर को सिंहवाड़ा और पनसल के बीच दो टेंपो की टक्कर में घायल हुआ था जिसमें दाहिना हाथ और बायां पैर टूट गया। चार दिन से भर्ती हैं, लेकिन फर्श पर ही इलाज चल रहा है। उसके पिता ने बताया कि दवा मिल रही है, पर रहने की व्यवस्था उचित नहीं है।

पड़ताल में और भी कई मरीज फर्श पर इलाजरत मिले। वाशरूम के पास लगे बेसिन पर पीने का पानी लिखा है, लेकिन उसकी हालत बेहद खराब है। मरीजों ने बताया कि पीजी डाक्टर इलाज के प्रति तत्पर रहते हैं, पर व्यवस्था की कमी से परेशानी होती है।

यह स्थिति दिखाती है कि बेड की कमी और बुनियादी सुविधाओं का अभाव मरीजों को अतिरिक्त कष्ट दे रहा है। दवा और भोजन उपलब्ध होने के बावजूद रहने की व्यवस्था और स्वच्छता की कमी गंभीर चिंता का विषय है। अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को तत्काल बेड की संख्या बढ़ाने और पीने के पानी की व्यवस्था सुधारने की जरूरत है।

डीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में मरीजों को फर्श पर इलाज करना पड़ना स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर विफलता है। यह केवल मरीजों की तकलीफ नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी संकेत है। अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि बेड की संख्या बढ़ाने, स्वच्छता सुधारने और बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

आर्थो विभाग में अभी कुल 130 बेड हैं। मरीज ज्यादा रहने के कारण फर्श पर रखकर इलाज किया जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि बेड की संख्या बढ़ाई जाए ताकि इलाज में कोई दिक्कत नहीं हो। जल्द ही व्यवस्था होने की उम्मीद है।
--डा. अमित कुमार,उपाधीक्षक, डीएमसीएच