राकेश सिन्हा बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं.राकेश कुमार सिन्हा के दो जगहों से वोट डालने का मामला ऐसे समय में उठा है, जब विपक्ष चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर फर्जी तरीके से वोट चोरी का आरोप लगा रही है.
इस मसले को लेकर सियासी बवाल बढ़ने के बाद उन्होंने प्रतिक्रिया दी है. सिन्हा ने कहा है कि मेरा पुश्तैनी घर बेगूसराय में है. जमीन से उखड़ा आदमी मैं नहीं हूं. बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) करा लिया.

राकेश सिन्हा का मामला क्या है?
राज्यसभा के पूर्व सांसद राकेश कुमार सिन्हा ने 6 नवंबर 2025 यानी आज मतदान के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है- अपने पैतृक गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) में अपना मतदान किया. यह गांव साहेबपुर कमाल विधानसभा के अधीन है.
राष्ट्रीय जनता दल ने यहां से सतानंद सम्बुधा को उम्मीदवार बनाया है. एनडीए की तरफ से यह सीट चिराग पासवान की पार्टी के खाते में चली गई है. एलजेपी (आर) ने यहां से सुरेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है.
राकेश कुमार सिन्हा के इस पोस्ट पर तब बवाल मच गया, जब कुछ यूजर्स उनके पुराने पोस्ट को लेकर सामने आ गए. इसी साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी राकेश कुमार सिन्हा ने वोट डाला था. सिन्हा ने द्वारका सीट पर अपना मतदान किया था.
विपक्ष ने तुरंत लपक लिया मुद्दा
सोशल मीडिया पर राकेश सिन्हा के पोस्ट आते ही विपक्ष ने मुद्दा लपक लिया. कांग्रेस सोशल मीडिया डिपार्टमेंट की चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेते ने सवाल पूछा- BJP नेता राकेश सिन्हा ने फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट दिया. नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव में वोट डाला. यह कौन सी योजना के तहत हो रहा है भाई?
दिल्ली आप के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने भी राकेश सिन्हा के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. भारद्वाज ने पोस्ट किया- भाजपा के राज्य सभा सांसद और सबको संस्कार सिखाने वाली RSS के विचारक राकेश सिंहा जी ने दिल्ली विधान सभा चुनाव में वोट डाला और आज बिहार चुनाव में भी वोट डाला.
भारद्वाज ने आगे लिखा- सिन्हा दिल्ली यूनिवर्सिटी के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पढ़ाते हैं तो ये बिहार का पता चाह कर भी नहीं दिखा सकते. आपको लगता है कि भाजपा सरकार की चोरी पकड़ लेंगे तो से सुधार जाएंगे. बिल्कुल नहीं, ये खुल्लम खुल्ला चोरी करेंगे.
बवाल के बाद राकेश सिन्हा ने दी सफाई
राजनीति इतनी हल्की हो सकती है इसका अंदाजा मुझे नहीं था. संविधान में आस्था रखने वालों पर सवाल करने वाले पर सवाल करने वालों को 100 बार सोच लेना चाहिए. मेरा नाम दिल्ली के मतदाता सूची में था. बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) करा लिया. क्या इस आरोप के लिए मैं मानहानि करूं?
वोट डालने को लेकर क्या है नियम?
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में मतदाता सूची को लेकर डिटेल में बताया गया है. इसके अनुच्छेद-17 में साफ-साफ कहा गया है कि कोई भी नागरिक एक साथ 2 राज्यों के मतदाता सूची में नहीं रह सकता है. यानी एक साथ 2 राज्यों में आप मतदान नहीं कर सकते हैं.
चुनाव आयोग का काम इसे हटाना है. साथ ही जानबूझकर ऐसा करने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है. चुनाव आयोग डुप्लीकेट एंट्री के तहत ऐसे मतदाताओं पर कार्रवाई कर सकता है.