सुनते ही तेज प्रताप की आंखें डबडबा गई. ऐसा तेजस्वी यादव के एक्स पर पैरोडी अकाउंड में दावा किया गया है. यह वीडियो देखते-देखते फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम पर हलचल मचा रहा है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
कुछ भी हो यार आखिर भाई तो भाई ही होता है
पहले मामला समझ लेते हैं. चुनाव के दौरान अक्सर पक्ष-विपक्ष के नेताओं की मुलाकात हो जाया करती हैं. अक्सर वे सब एयरपोर्ट पर टकराते हैं. ठीक यही वाकया तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के बीच हुई. लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप एक यूट्यूबर समदीश भाटिया के लिए एयरपोर्ट पर कपड़े खरीदने में मशगूल थे. इसी बीच लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव मुकेश सहनी के साथ वहां आ गए और वहीं रुक गए.तेज प्रताप के साथियों ने बताया कि छोटे भाई तेजस्वी भी यहां हैं. वे भी उस तरफ नहीं मुड़ें लेकिन तेजस्वी थोड़ा आगे आते हुए पत्रकार समदीश भाटिया की ओर मुखातिब होते हुए कहा, शॉपिंग करा रहे हैं क्या भईया…इतने में बड़े भाई तेज प्रताप भी मुड़े लेकिन उनसे आंखें नहीं मिलाई पर आंखें डबडबा गई. एक्स पर लिखा गया है कि कुछ भी हो यार आखिर भाई तो भाई ही होता है. कुछ पल के लिए माहौल में सन्नाटा छा गया राजनीति अपनी जगह है, भले ही विचार अलग हों दिल तो भाई के लिए ही धड़कता है….!! इसके बाद समदीश तेजस्वी के पास गए और बातें कीं. पर एक पल का यह वाकया भावनाओं के ज्वार से भरा हुआ था. बेशक दोनों भाइयों की राहें फिलहाल जुदा है लेकिन आंखों में इसका गुबार जरूर दिख रहा था.
गुस्सा और प्यार एक साथ उमड़ता है
दोनों भाइयों में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता इस समय जोरों पर हैं. यहां तक तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप की सीट पर उनके खिलाफ प्रचार किया तो तेज प्रताप ने भी तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र से उनके खिलाफ प्रचार किया. ऐसे में अचानक जब दो सगे भाई मिलता है तो दोनों की क्या मनोदशा होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है. मनोवैज्ञानिक रूप से इस स्थिति में दोनों एक-दूसरे से बचने की कोशिश करते हैं लेकिन मन में तूफान मचलता रहता है. भावनाओं की तीव्र आवेग से मानसिक स्थिति में तीव्रता बनी रहती है. दोनों में आत्म-संरक्षण की भावना बढ जाती है. यानी दो भाइयों में स्वाभाविक तौर पर बंधन होता है, लेकिन दुश्मनी की वजह से उनमें एक-दूसरे से सावधानी बरतने और अपने आपको बचाने की प्रवृत्ति उभरती है. दोनों में एक दूसरे से शारीरिक और मानसिक दूरी बनाए रखने की कोशिश करता ताकि असहज स्थिति से बचा जा सके. लेकिन दो भाइयों के बीच कुदरती प्रेम भी उभर कर सामने आती है. इस द्वंद्व से दोनों तत्काल निकलने की कोशिश करते हैं. तेज प्रताप के मन में सटीकता से क्या भावना चल रही होगी यह तो वही बता सकते हैं लेकिन इस स्थिति में गुस्सा और प्रेम एक साथ उभरता है जिसे संयमित करना मुश्किल होता है और दोनों एक-दूसरे से शारीरिक दूरी या आंखों से आंखों की टकराहट को कम करना चाहते हैं.
प्रेम और वैर में संघर्षरत भावना
इस वीडियो पर हजारों लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक यूजर ने लिखा है कि भाई का रिश्ता अनमोल होता है. मन-मुटाव जीवन का एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसे रिश्ते पर हावी नहीं होने देना चाहिए. थोड़ा सा लचीलापन, प्यार और एक-दूसरे के प्रति सम्मान इस दरार को भर सकता है और रिश्तों की मिठास को वापस ला सकता है. एक यूजर ने लिखा है राजनीति मे मतभेद स्वाभाविक है. होना भी चाहिए, क्योंकि हरेक की अपनी सोच और अपनी विचारधारा है. पर यह मतभेद कभी भी मनभेद नही होना चाहिए. वैसे भी अगर तेजस्वी जी आगे बढ़कर बडे भाई से आशीष लेते तो यह उनका बडप्पन दिखाता. साफ़ साफ़ दिख रहा है कि कैसे तेजस्वी मज़ाक उड़ा रहा है तेज प्रताप का ओर तेजप्रताप टकटकी लगाए देख रहा है. अकेला रण में खड़ा है, लेकिन लिख कर रख लो एक दिन तेज प्रताप तेजस्वी से बड़ा नेता बनेगा. लोगों के विचार अपने तरफ हैं लेकिन जब दो सगे भाइयों का प्रतिद्वंद्वी के रूप में आमना-सामना होता है इसे मनोविज्ञान में एक संवेगात्मक और संज्ञानात्मक द्वंद्व के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें प्रेम और वैर दोनों की भावनाएं संघर्षरत रहती हैं. इसे समझ कर बेहतर संवाद और मनःस्थिति प्रबंधन की आवश्यकता महसूस होती है.