बिहार के खगड़िया में अलौली अंचल में पदस्थापित राजस्व कर्मचारी सतेन्द्र सिंह को निगरानी की टीम ने 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई खगड़िया से झीमा गांव जाने वाली सड़क के हेलनाधार पुल के उत्तरी छोर के निकट की गई। आरोपी दाखिल खारिज के लिए एक लाख की डिमांड कर रहा था। काफी पैरवी के बाद तीस हजार में काम करने के लिए तैयार हुआ था।
निगरानी के डीएसपी विकास कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्रवाई हुई। कुछ दिन पहले अलौली के सहोरवा निवासी मदन साह के पुत्र गुड्डू कुमार ने शिकायत की थी कि राजस्व कर्मचारी जमीन का दाखिल-खारिज करने के नाम पर रिश्वत मांग रहे हैं। निगरानी की टीम ने छानबीन शुरू की और सत्यापन के बाद बुधवार को कार्रवाई की। टीम ने राजस्व कर्मी को 20 हजार रुपए के रिश्वत की राशि के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत की राशि लेने में गिरे थे साढ़े सात हजार
खगड़िया जिले के अलौली अंचल में पदस्थापित राजस्व कर्मचारी सतेन्द्र सिंह बुधवार को रिश्वत लेने के जल्दबाजी में 20 हजार में से साढ़े सात हजार रुपए जेब से गिर गया था। निगरानी की टीम ने कार्रवाई के बाद पत्रकारों को बताया कि अलौली अंचल क्षेत्र के अमौसी मौजा में गुड्डू कुमार से उसकी जमीन के दाखिल खारिज कराने के एवज में रिश्वत की राशि मांगी गई थी। रिश्वत की राशि जैसे ही खगड़िया से झीमा गांव के निकट हेलना पुल के पास जैसे ही रिश्वत की 20 हजार रुपए दिए तो जल्दबाजी में साढे़ सात हजार रुपए वहां ही गिर गया। इस बीच कार्रवाई के लिए पहुंचे निगरानी की टीम ने जमीन पर गिरे हुए पैसे को बरामद किया।
रिजेक्ट कर दिया था आवेदन
रिश्वत के एवज में मांगी गई थी पहले एक लाख, फिर 30 हजार, अंतत: 20 हजार में फाइनल हुआ था। बताया जा रहा है कि अमौसी मौजा के लिए जब खरीदी गई जमीन के दाखिल खारिज के लिए जब आवेदन किया तो किसी कारण से वह आवेदन रिजेक्ट हो गया। इसके बाद दोबारा आवेदन किया गया। इसके दाखिल खारिज किए जाने के नाम पर एक लाख की मांग की गई। फिर 30 हजार रुपए की डिमांड की गई। अंतत: 20 हजार रुपए रिश्वत के एवज में दाखिल खारिज किए जाने की डील फाइनल हुई और इसका प्रमाण निगरानी की टीम के सत्यापन के दौरान भी मिला।