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Sunday, July 20, 2025

BIHAR/चंदन मिश्रा हत्याकांड: पकड़े गए शूटरों में तौसीफ और एक महिला भी, व्हाट्सऐप खंगाल रही पुलिस

सजायाफ्ता कैदी चंदन मिश्रा हत्याकांड में बिहार एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आनंदपुर से शनिवार की रात मोस्टवांटेड तौसीफ उर्फ बादशाह को गिरफ्तार कर लिया। उसके अलावा सचिन सिंह, हरीश सिंह, युनूस खान और एक महिला भी पकड़ी गई है। धरपकड़ के दौरान एक आरोपित घायल भी हो गया। हालांकि, अब तक बिहार पुलिस के अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इससे पहले यह खबर आई थी कि इस हत्याकांड से जुड़े 5 आरोपियों को कोलकाता से पकड़ा गया है। हालांकि उस वक्त इनके नाम सामने नहीं आए थे।

आरोपितों के पास से एक सफेद रंग की गाड़ी को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। सूत्रों की मानें तो इन्हें आनंदपुर स्थित एक गेस्ट हाउस से पकड़ा गया है। बीते शुक्रवार से ही पश्चिम बंगाल में बिहार एसटीएफ की टीम छापेमारी कर रही थी। इस दौरान चंदन हत्याकांड से जुड़े पांच आरोपित शुक्रवार की देर रात पकड़े गए थे।

ये तौसीफ और उसके साथियों को छिपने में मदद कर रहे थे। छापेमारी में सरगना तौसीफ उर्फ बादशाह सफेद रंग की गाड़ी पर सवार होकर भाग निकला था। उसी समय से पुलिस टीम उसका पीछा कर रही थी। तौसीफ की मदद करने वालों को कोलकाता के पास ‘न्यू टाउन’ के एक आवासीय परिसर से पकड़ा गया था।

चंदन की हत्या की साजिश उसके करीबियों के जरिये ही शेरू ने रची। शेरू ने सबसे पहले चंदन के एक खासमखास से दोस्ती की, इसके बाद उसके हर गतिविधियों पर नजर रखने लगा। इसी बीच शेरू, चंदन के खासमखास, तौसीफ समेत अन्य ने हत्या की साजिश रची। जेल में रहने के दौरान चंदन की हत्या नहीं करवाई जा सकती थी। इसलिए सभी उसके बाहर निकलने का इंतजार करने लगे।

शेरू पुरुलिया जेल में बैठकर ही चंदन पर नजर रख रहा था। उसने चंदन को भनक भी नहीं लगने दी कि उसके खासमखास को खेमे में मिला लिया है। इसी बीच चंदन को इलाज की जरूरत पड़ी तो उसने अपने खासमखास से बातचीत की। यह जानकारी भी उसके करीबी ने शेरू से साझा की। उसी वक्त जेल में बैठे शेरू ने चंदन को ऐसी जगह इलाज करवाने को कहा, जहां शूटर आसानी से पहुंच सके। तभी तौसीफ ने राय दी कि उसे नेहरू पथ स्थित पारस अस्पताल में भर्ती करवाया जाय। तौसीफ उसी इलाके में रहता था। अस्पताल में चंदन के आने की पुष्टि हुई, सभी सक्रिय हो गए।

गुर्गों के जरिये सोना लुटेरा की मदद भी
शेरू एक बड़े सोना लुटेरा गिरोह का भी करीबी है। बेऊर जेल में उसकी दोस्ती सोना लुटेरा से हुई थी। इसके बाद उसने अपने गुर्गों के जरिये कई बार सोना लुटेरा की मदद भी की।

सीसीटीवी: तुरुप का पत्ता
तौसीफ की गिरफ्तारी में सीसीटीवी का अहम रोल है। फुटेज में तौसीफ सफेद रंग की गाड़ी से भागते देखा गया था। वह हाईवे से गुजर रहा था। एसटीएफ की टीम उन्हीं रास्तों पर लगे कैमरे को देखते हुए आगे बढ़ी, जिससे कामयाबी मिली। इससे पहले मुख्य आरोपितों का इश्तेहार तामिला कराया। उनमें तौसीफ भी शामिल था।