पटना से पूर्णिया के बीच बनने वाले छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को बिहार सरकार ने मंजूर कर दिया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अनुरोध पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई राज्य व केंद्र सरकार के संबंधित विभागों की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। परियोजना मंजूर करने के साथ ही बिहार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह जल्द इसकी निविदा प्रकाशित करे ताकि इस साल निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।
अधिकारियों के अनुसार 500 करोड़ से अधिक की परियोजना नेशनल प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) के पास जाती है। एनपीजी ने एनएचएआई को कहा था कि वह इस सड़क परियोजना की मंजूरी बिहार सरकार से प्राप्त करे। इसी के आलोक में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में केंद्र व राज्य सरकार के संबंधित विभागों की बैठक कर इसकी मंजूरी ली गई। अब एनपीजी इस परियोजना की वित्तीय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेज देगा। वित्त मंत्रालय की पीपीपीएसी कमेटी की ओर से इस परियोजना की मंजूरी 15 दिनों में मिलने की उम्मीद है।
पीपीपीएसी के तहत इस परियोजना का निर्माण हैम मोड में होगा। यानी निर्माण एजेंसी 60% राशि खर्च करेगी और 40% राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। निर्माण एजेंसी को टोल प्लाजा से पैसे की भरपाई की जाएगी। 15 साल तक एजेंसी इस सड़क का देख-रेख करेगी। भारतमाला परियोजना-दो के तहत इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। इस सड़क का एलाइनमेंट 15 जनवरी को ही मंजूर हो चुका है। परियोजना में 20 बड़े पुल, 130 छोटे पुल, 11 आरओबी, 19 इंटरचेंज और 309 वीयूपी बनेगा।
वैशाली के सराय टोल प्लाजा से शुरू होगी सड़क
वैशाली जिले के सराय टोल प्लाजा के समीप एनएच 22 के मीरनगर अराजी गांव से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस-वे समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा व मधेपुरा होते हुए पूर्णिया में एनएच 27 के चांद भठ्ठी के समीप हंसदाह में समाप्त होगा। पथ बनने पर पटना से पूर्णिया मात्र तीन घंटे में सफर पूरा होगा। दिघावारा से शेरपुर के बीच बनने वाले पुल से इसकी कनेक्टिविटी बिहटा एयरपोर्ट से होगी। दरभंगा-पूर्णिया एयरपोर्ट से जुड़ जाएगा। पटना रिंग रोड का हिस्सा रहे दिघवारा को इस एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। लोग पूर्णिया से सराय आने के बाद दिघवारा होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होते हुए 15 घंटे में दिल्ली आ-जा सकेंगे।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस सड़क के लिए 100 मीटर चौड़ाई में 3381.2 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होगा। इससे पूर्व प्राक्कलित न्यूनतम मूल्य के विशेष पुनरीक्षण के लिए जिलों को निर्देश दिया गया है। किसान और भू-स्वामी को भूमि के बदले उचित एवं वर्तमान बाजार दर पर मुआवजा प्राप्त हो सकेगा।