इसके अलावा 273 शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है।
विभाग ने लगाए ये आरोप
इस संदर्भ में शिक्षा विभाग का कहना है कि कार्य में लापरवाही, विभागीय आदेशों का पालन न करने और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। विभाग का यह भी कहना है कि ऐसे शिक्षकों पर आरोप है कि स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने या प्रधानाध्यापक से मिलने के बाद कई शिक्षक स्कूल से गायब हो जाते हैं। इसके अलावा स्कूल फीस में भी अनियमितताएं पाई गई हैं। कई जगहों से लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी मिली हैं। इन शिकायतों में शिक्षक और अधिकारी भी शामिल हैं।
जानें कितने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई
शिक्षा विभाग ने लापरवाही बरतने के आरोपी कुल 598 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस संबंध में विभाग का कहना है कि 61 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, 264 शिक्षकों को निलंबित किया गया है, जबकि 273 शिक्षकों के खिलाफ जांच चल रही है। इन जिलों के शिक्षकों और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी का कहना है कि उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सुबोध कुमार चौधरी ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि बर्खास्तगी, निलंबन एवं कार्रवाई का समस्त डाटा गूगल शीट के माध्यम से उपलब्ध कराएं। कुछ जिलों ने गूगल शीट-2 में अधूरी जानकारी दी है या कोई डेटा नहीं भरा है। इनमें अररिया, जमुई, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, सारण, सीतामढी, सुपौल और सीवान शामिल हैं. शिक्षा विभाग का कहना है कि यह गंभीर लापरवाही है।