न्यूज डेस्क: बिहार में नियोजित शिक्षक काफी लंबे समय से समान वेतन की मांग कर रही हैं। हड़ताल के बाबजूद भी बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षक को समान वेतन नहीं दिया। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे की नीतीश सरकार नियोजित शिक्षक को समान वेतन क्यों नहीं देना चाहती।
1 . बिहार सरकार पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों के बराबर समान वेतन नहीं देना चाहती। क्यों की इससे सरकार को सालाना 28 हजार करोड़ का बोझ पड़ेगा।
2 .बिहार सरकार अगर नियोजित शिक्षकों को एरियर देती है तो ऐसे स्थिति में 52 हजार करोड़ भार पड़ेगा। इससे सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ जायेगा।
3 .केंद्र सरकार ने भी नियोजित शिक्षक को समान वेतन देने से मना किया है। क्यों की समान वेतन देने में 1.36 लाख करोड़ का अतिरिक्त भार केंद्र सरकार को वहन करना पड़ेगा।
4 .बिहार सरकार समान काम-समान वेतन पर इसलिए आगे नहीं बढ़ रही है। क्यों की अगर वो ऐसा करती है तो इससे नियोजित शिक्षक पर आर्थिक भार बढ़ जायेगा।