आपको बता दें कि खबर के मुताबिक बिहार सरकार राज्य में करीब 5,200 शिक्षकों की डिग्रियों की जांच कर रही है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इन सभी शिक्षकों के पास फर्जी डिग्रियाँ हैं और वे इसी आधार पर नौकरीं कर रहे हैं।
नीतीश सरकार ने साफ साफ आदेश दे दिया है कि इस तरह के फर्जी शिक्षकों को शिक्षा विभाग ढूंढ कर निकालेगी और उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षा विभाग के मुताबिक निगरानी ब्यृरो की जांच में संदिग्ध पायी गई डिग्रियों में से 80 फीसद डिग्री झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड एवं असम समेत अन्य प्रदेशों के निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की ओर से निर्गत किए गए हैं। निगरानी ब्यूरो की टीम नियोजित शिक्षकों के नियोजन संबंधी दस्तावेजों की जांच में कर रही है। अब विभाग के स्तर से संबंधित प्रदेश सरकारों को डिग्रियां भेजकर उसकी जांच कराने की कार्रवाई की जा रही है।
साल 2015 से निगरानी ब्यूरो द्वारा नियोजित शिक्षकों के नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अब तक जांच के बाद 4456 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। जांच के क्रम में निगरानी ब्यूरो को विभिन्न जिलों में ऐसी डिग्रियों पर कार्यरत शिक्षकों के बारे में शिकायत मिली है जो बिना प्रशिक्षण ही पैसे के बल पर डिग्रियां हासिल कर नौकरी पा गए।