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Saturday, December 12, 2020

BIHAR/विधानसभा चुनाव में कमजोर हुई जदयू, विधायकों को जोड़-तोड़ कर पार्टी में शामिल करने में जुटे नीतीश


बिहार विधानसभा चुनाव में महज 43 सीट पाने के बाद सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी को मजबूत करने का विचार कर कर रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन के अंदर और बाहर विपक्षी पार्टी के विधायकों को जेडीयू में शामिल करने में जुट गए हैं। नीतीश कुमार सदन के अंदर अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जेडीयू स्ट्रेंथ नाम से दिग्गज नेताओं की एक टीम बनाई है। वहीं सदन के बाहर यह जिम्मेदारी अपने पुराने साथी उपेंद्र कुशवाहा और नरेंद्र सिंह को दिया है। हाल ही में बीते बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे थे। जहां एक ओर आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार को कमजोर नेता बताकर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी ओर NDA में सहयोगी रह चुके लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान भी नीतीश के खिलाफ बयानबाजी करते दिखे।
ऐसे में नीतीश कुमार को जेडीयू का भविष्य कमजोर होता दिख रहा है।

सदन के अंदर और बाहर अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए नीतीश कुमार अपने पुराने साथियों को साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे, जिसमें सबसे पहले उपेंद्र कुशवाहा और नरेंद्र सिंह का नाम सामने आया है। वहीं इनके अलावा जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार और खगड़िया से सांसद रह चुकी रेणु कुमारी कुशवाहा को साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे। बता दें कि अरुण कुमार भूमिहार वर्ग से आते हैं, जहानाबाद क्षेत्र में भूमिहारों की अच्छी पकड़ है। वहीं रेणु कुमारी कुशवाहा और उनके पति अपने क्षेत्र में काफी चर्चित चेहरे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास लगभग 50 साल का राजनीतिक अनुभव है। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने कई पार्टियों के साथ काम किया है, ऐसे में उन्हें पार्टी को मजबूत बनाने की अच्छी समझ है। इस विधानसभा चुनाव में कम सीट पाने के बाद नीतीश पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। अपनी जेडीयू स्ट्रेंथ टीम को उन्होंने आदेश दिया है कि सदन के अंदर दूसरे दलों के विधायकों को तोड़कर अपने साथ जोड़ना है। जिसमें जेडीयू की नज़र कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और वामपंथी दलों के विधायकों पर है। नीतीश कुमार किसी भी कीमत पर खुद को बीजेपी और आरजेडी से कम नहीं बनने देना चाहते हैं।