Kosi Live-कोशी लाइव Bihar News:पिता की मौत के बाद पहली बार सौतेली मां से मिले चिराग पासवान, लगा लिया गले; राजकुमारी देवी बोलीं- अब यही सहारा - Kosi Live-कोशी लाइव

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Tuesday, October 20, 2020

Bihar News:पिता की मौत के बाद पहली बार सौतेली मां से मिले चिराग पासवान, लगा लिया गले; राजकुमारी देवी बोलीं- अब यही सहारा






राम विलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी और परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके बेटे चिराग पासवान के कंधों पर आ गई है। इसबार उनकी पार्टी लोजपा एनडीए से अलग होकर बिहार में अकेले चुनाव लड़ रही है। रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पहली पत्नी राजकुमारी देवी भी मीडिया के सामने आई हैं। उन्होंने एनबीटी से बातचीत की है।

राजकुमारी देवी ने बताया कि रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन करने के लिए वो पटना गई थीं।सोमवार को लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अपने पिता राम विलास पासवान की अस्थियों का विसर्जन करने अपने पैतृक गांव शहरबन्नी पहुंचे थे। इस दौरान चिराग अपनी सौतेली मां राजकुमारी देवी से भी मिले थे।

राजकुमारी देवी के मुताबिक चिराग ने पैर छूकर मेरा आशीर्वाद लिया और इसके बाद उन्होंने मुझे गले लगा लिया। राम विलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने आगे कहा, जब तक राम विलास जी थे चिराग उनसे ज्यादा बात नहीं करते थे। अब तो चिराग को ही मेरा ख्याल रखना होगा। इतना ही नहीं, राजकुमारी देवी ने अपने बेटे चिराग पासवान को ही अपना सहारा बताया।

राजकुमारी देवी ने कहा मैंने चिराग को चुनाव में जीत का आशीर्वाद दिया है और इसबार वही जीतेंगे। एनबीटी से राजकुमारी देवी ने आगे कहा चिराग को उनकी बात माननी चाहिए और वो भी चिराग की हर बात मानेगीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि राम विलास जी की दूसरी शादी करने के बाद मेरा उनसे संपर्क बेहद कम हो गया था। पर मेरी दोनों बेटियां मुझसे मिलने अक्सर गांव आती रहती हैं।

राम विलास पासवान के देहांत के बाद उनकी पहली पत्नी राजकुमारी देवी को चिराग एकमात्र सहारा नजर आ रहे हैं। बता दें कि राम विलास पासवान की पहली पत्नी आज भी खगड़िया जिले में उनके पैतृक गांव शहरबन्नी के घर पर ही रहती हैं। इससे पहले साल 2019 लोकसभा के दौरान राजकुमारी देवी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चिराग कभी उनसे आशीर्वाद लेने अपने पैतृक गांव नहीं आए, काफी लंबे वक्त से चिराग से मुलाकात नहीं हो पाई। राजकुमारी देवी ने तब कशिश न्यूज़ को बताया था कि चिराग से उनकी आखिरी मुलाकात लगभग पांच साल पहले चिराग के दादा के निधन के वक्त हुई थी।