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Sunday, May 24, 2020

बिहार:कोसी-सीमांचल का आतंक था बुच्चन यादव,अपराध जगत के एक अध्याय का हुआ अंत।


भागलपुर। बी कोठी थाना क्षेत्र के मौजमपट्टी निवासी कुख्यात अपराधी ब्रजकिशोर उर्फ बुच्चन यादव की मौत के बाद अपराध जगत के एक अध्याय का अंत माना जा रहा है। उसे दो इंजीनियरों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा दी गई थी।

उसकी दोनों किडनी फेल थी। वह जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल, भागलपुर में डायलिसिस पर था। बुच्चन नार्थ बिहार लिबरेशन आर्मी गिरोह में उपाध्यक्ष पद पर था। उस पर पूर्णिया, मधेपुरा सहित अन्य जिलों में हत्या, अपहरण, लूट, नरसंहार, डकैती आदि के कई मामले दर्ज थे।

उसे 11 फरवरी 2019 को मौजमपट्टी गुदरी हाट में गैंगवार के आरोप में कूचबिहार (पश्चिम बंगाल) स्थित एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था। उसे पूर्णिया केंद्रीय कारा रखा गया था, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर 14 अप्रैल 2019 को विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर स्थानांतरित कर दिया गया। उसके बाद से वह वहीं था और लगातार अस्वस्थ रह रहा था।

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बेटा भी है जेल में बंद

बीते वर्ष 12 फरवरी को सरस्वती पूजा के दौरान मौजमपट्टी गुदरी हाट में सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान गैंगवार में हुए बम धमाके में उसका दायां पैर क्षतिग्रस्त हो गया था। इलाज के दौरान उसका पैर काटना पड़ा। इस गैंगवार मामले में बुच्चन के बड़े बेटे सौरभ साहिल को एसटीएफ ने 19 मार्च, 2020 को पटना के खैमनीचक से गिरफ्तार किया था। उस पर 50 हजार का इनाम था। वह पूर्णिया केंद्रीय कारा में बंद है।

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बेटा भी जेल में, अंतिम संस्कार में नहीं गया

केंद्रीय कारा में बंद बुच्चन के बेटे साहिल सौरभ से कारा प्रशासन ने अंतिम संस्कार में जाने के लिए पैरोल के बारे में पूछा, लेकिन उसने इन्कार कर दिया। बताया जाता है कि पिता की मौत के बाद वह सदमे में है और गैंगवार की आशंका के कारण बाहर नहीं निकला।

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1990 के दशक से ही फैला रखा था आतंक

बुच्चन का 1990 के दशक से ही पूर्णिया, मधेपुरा, नवगछिया सहित आसपास के क्षेत्र में आतंक था। मधेपुरा जिला के कई थानों में उस पर आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। वहीं, पूर्णिया में एक दर्जन से भी अधिक मामले हैं। मधेपुरा के कुमारखंड के एक मामले में 09 जुलाई 2013 को उसे फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज योगेश नारायण सिंह ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उसने 18 जनवरी 2007 को कुमारखंड थाना के रहटा गांव के पंचायत भवन में सड़क निर्माण करा रही कंपनी का सेफ तोड़कर एक लाख 75 हजार रुपये लूटने के दौरान दो इंजीनियरों की हत्या कर दी थी। इस केस में 19 लोगों की गवाही के उसे दोषी करार दिया गया था। वहीं बड़हरा थाना कांड संख्या 133/2009 में सिसवा निवासी बालेश्वर यादव उर्फ बालो यादव की गोली मारकर की गई हत्या में भी बुच्चन को 2016 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।