मिली जानकारी के अनुसार, वह गायघाट के कमरथू कन्या विद्यालय में बनाए गए सेंटर में रहा था. बीती रात अचानक उसने खुद को आग के हवाले कर दिया. मुखिया द्वारा परिजनों को इसकी सूचना दी गई तो परिजन वहां पहुंचे. इस बीच मुखिया ने एंबुलेंस बुलवा दी. इससे बाद आत्मदाह करने की कोशिश करने वाले प्रवासी को एसकेएमसीएच में भर्ती करा दिया गया.
झुलसे शख्स के परिजन प्रद्युम्न कुमार ने बताया कि प्रशासन का एक भी अधिकारी अस्पताल में उसकी सुध लेने नहीं आया. घटना के बाद रात में भी सिर्फ थानेदार आए थे, BDO, CO या कोई अन्य पदाधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचे. अस्पताल में भी अब तक किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली है. इधर, बुरी तरह जल चुके व्यक्ति ने बयान दिया है कि उसने गुस्से में खुद को आग लगा ली. घायल के परिजन ने बताया कि अस्पताल में उसका इलाज ठीक से नहीं हो रहा है.
वहीं, घटना के बारे में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार आत्मदाह की कोशिश करने वाले युवक के ससुर का देहांत कुछ दिन पहले हो गया था, जिसमें वह नहीं आ पाया था. अब जाकर यह युवक अपने ससुराल मुजफ्फरपुर पहुंचा, लेकिन वहां उसे क्वारंटाइन सेंटर में रहना पड़ गया. स्थानीय लोगों के अनुसार, ससुराल के क्वारंटाइन सेंटर में जमीन पर बिछावन बिछाकर रहने और अन्य तरह की असुविधाओं से वह डिस्टर्ब था. रात के एक बजे उसने खुद को आग लगा ली.
जब मीडियाकर्मियों ने पूछा तो उसने बताया कि उसने पास के मक्के के खेत में जाकर आग भी बुझाई और उससे गलती हो गई. युवक के बचने की उम्मीद कम ही है. बहरहाल इस खबर ने क्वारंटाइन सेंटर पर सरकार और प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रबंधों की पोल खोल दी है.
