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Monday, December 29, 2025

SAHARSA:सहरसा में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़: सेल टैक्स कार्यालय का चपरासी 75 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

 


सहरसा में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़: सेल टैक्स कार्यालय का चपरासी 75 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

सहरसा। भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए निगरानी विभाग ने सोमवार को सहरसा स्थित राज्य कर (सेल टैक्स) संयुक्त आयुक्त कार्यालय में कार्यरत एक चपरासी को 75 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार कर्मी की पहचान शंकर कुमार के रूप में हुई है, जो संयुक्त आयुक्त प्रवीण कुमार के कार्यालय में पदस्थापित है।

यह कार्रवाई सिमरी बख्तियारपुर निवासी टायर व्यवसायी सिराजिल होदा की शिकायत पर की गई। व्यवसायी ने 17 दिसंबर को निगरानी विभाग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि उनका बैंक ऑफ इंडिया स्थित करंट अकाउंट सेल टैक्स विभाग द्वारा होल्ड कर दिया गया था। जब वे कारण जानने कार्यालय पहुंचे तो बताया गया कि उन पर 12 लाख रुपये का टैक्स बकाया है, जबकि संबंधित टैक्स पहले ही जमा किया जा चुका था।

इसके बाद व्यवसायी ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ कार्यालय जाकर दस्तावेज दिखाए, जिस पर अधिकारियों ने ब्याज सहित लगभग 2 लाख 49 हजार रुपये जमा करने को कहा। व्यवसायी ने यह राशि जमा करने पर सहमति जताई, लेकिन इसके बावजूद उनका खाता होल्ड से नहीं हटाया गया।

खाता होल्ड हटाने के नाम पर मांगी रिश्वत

शिकायत के अनुसार बाद में इसे "मानवीय भूल" बताते हुए सेटलमेंट के नाम पर कार्यालय के चपरासी शंकर कुमार ने एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की। बातचीत के बाद 75 हजार रुपये में सौदा तय हुआ।

शिकायत का सत्यापन होने के बाद निगरानी विभाग की डीएसपी पवन कुमार-2 के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम गठित की गई और जाल बिछाया गया। सोमवार को जैसे ही चपरासी शंकर कुमार ने कार्यालय में रिश्वत की रकम ली, टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

कानूनी कार्रवाई जारी, कार्यालय में हड़कंप

निगरानी विभाग ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के बाद पूरे सेल टैक्स कार्यालय में हड़कंप मच गया है। वहीं स्थानीय व्यवसायियों ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त और सराहनीय संदेश बताया है।

निगरानी विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।