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Thursday, December 18, 2025

PURNEA:पूर्णिया में लगेगा महा रडार, तूफान की सूचना अब 3 घंटे पहले

दशकों के इंतजार के बाद अब बहुत जल्द पूर्णिया मौसम विभाग के दिन बहूरने वाले हैं. अहम यह है कि बारिश ही नहीं आंधी और तूफान आने की सूचना कम से कम तीन घंटे पहले मिल जाएगी जिससे जिले के लोग सतर्क हो जाएंगे. दरअसल, पूर्णिया के मौसम विभाग में बिहार का दूसरा रडार लगाया जा रहा है जिससे कोसी-सीमांचल सहित भागलपुर प्रमंडल के सभी जिले की मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी. मौसम के बनते-बिगड़ते हालात की पूर्व सूचना से लोगों को सम्हलने का अवसर मिल जाएगा. खास तौर पर किसान समय रहते अपनी फसलों को व्यवस्थित कर सकेंगे. समझा जाता है कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो नए साल के शुरुआत में ही रडार का निर्माण पूरा हो जाएगा.

खास बातें

  • कोसी-सीमांचल सहित मिलेगी भागलपुर के मौसम की सटीक जानकारी
  • समय रहते अपने खेत-खलिहानों में फसलों को व्यवस्थित कर सकेंगे किसान
  • बहुत जल्द बहुरने वाले हैं मौसम विभाग के दिन, लग रहे आधुनिक उपकरण

57 करोड़ की लागत से रडार का हो रहा निर्माण

मिशन मौसम योजना के तहत 57 करोड़ की लागत से रडार का निर्माण कराया जा रहा है. पूर्णिया केमौसम विभाग में रडार के साथ 59 लाख की लागत से चहारदीवारी निर्माण का काम युद्ध स्तर पर शुरू है. रडार उपक्रम को लेकर इसके प्लेटफॉर्म निर्माण का काम लगभग पूरा हो गया है. सबंधित एजेंसी के कर्मी ने प्लेटफार्म निर्माण के लिए गड्ढा खुदाई के साथ-साथ प्लेटफॉर्म निर्माण कार्य लगभग पूरी कर ली है, रडार को लेकर जो खुदाई की गयी है उसकी गहराई 10 फिट और चौड़ाई 9 फिट है. जबकि प्लेटफॉर्म तैयार होने के बाद 60 फिट ऊंचाई पर रडार उपक्रम लगाया जाएगा. इतना ही नहीं, बिजली आपूर्ति के लिए थ्री फेज ट्रांसफार्मर लगाए जाने की कवायद भी जारी है. ज्ञात हो कि पूर्णिया मौसम विज्ञान केंद्र इस क्षेत्र का सबसे पुराने ऑब्जरबेट्री में से एक है. यह कार्यालय उत्तर बिहार और सीमांचल के लिए काफी महत्वपूर्ण है. सीमांचल व कोसी का इलाका प्राकृतिक आपदाओं के लिए अति संवेदनशील है. यहां बाढ़, चक्रवात, व्रजपात आदि से लोगों को हर साल सामना करना पड़ता है. इसको देखते हुए यहां रडार उपक्रम लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.

आंकड़ों पर एक नजर

  • 57 करोड़ की लागत से हो रहा मौसम के रडार का निर्माण
  • 59 लाख की लागत से बनायी जा रही विभाग की चहारदीवारी
  • 10 फिट तक की गहराई तक रडार के लिए हो रही खुदाई
  • 60 फिट ऊंचाई पर लगाये जायेंगे रडार के उपक्रम
  • 250 किमी से अधिक दायरे तक का मौसम बतायेगा रडार

15 जिलों को मिलेगी मौसम की जानकारी

रडार लगने केबाद 15 जिलों के मौसम की जानकारी पूर्णिया में मिल सकेगी. इतना ही नहीं इंडो नेपाल और हिमालय की तलहटी के मौसम की सटीक सूचना उपलब्ध रहेगी जबकि यह रडार तूफान के साथ आंधी और बारिश का सटीक अनुमान लगाकर लोगों को तीन घंटा पहले आगाह करेगा. खासकर नेपाल और हिमालय में होने वाली मौसमी हलचल का पूर्वानुमान भी बताएगा. यह करीब 250 किमी की सीमा के साथ भीषण तूफान का पता लगाने वाला रडार होगा और बारिश से होने वाली आंधी पर नज़र रखने में अत्यधिक सहायक होगा. विशेष रूप से बाढ़ का कारण बनने वाली बारिश का पहले पता लगा लेगा. रडार लगने से पूर्णिया एयरपोर्ट को भी मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी.

रडार बतायेगा 400 किमी तक के मौसम का हाल

रडार की मदद से मौसम विभाग को करीब 400 किलोमीटर तक के क्षेत्र में होने वाले मौसम बदलाव की सटीक और तीव्र जानकारी मिलती है. इस उपकरण का पूर्णिया में स्थापित हो जाने से इसके दायरे में आने वाले जिलों के आमजन सहित किसानों को गरज के साथ बिजली,आंधी के साथ तूफान और भारी बरसात का पूर्वानुमान की जानकारी मिल पाएगी, इससे गरज के साथ गिरने वाली बिजली से होने वाले मृत्यु दर को कम करने एवं किसानों के फसलों के नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी. प्रभारी मौसम विज्ञान केंद्र पूर्णिया के दिनेश कुमार भारती कहते हैं कि पूर्णिया मौसम विज्ञान केंद्र में रडार उपक्रम लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. इसके अलावा मौसम विज्ञान केंद्र के चारों तरफ चहारदीवारी का निर्माण कार्य भी जारी है. यह रडार तूफान के साथ आंधी और बारिश का सटीक अनुमान लगाकर लोगों को तीन घंटा पहले आगाह करेगा. बिहार के पटना के पूर्णिया दूसरा जिला है जहां रडार स्थापित हो रहा है.