भूमि सुधार जन कल्याण संवाद को लेकर उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा और बिहार राजस्व सेवा संघ (बिरसा) के बीच टकराव बढ़ गया है. ऐसे में मंत्री विजय सिन्हा ने राजस्व कर्मियों को दो टूक जवाब दे दिया है.
उन्होंने कहा कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में झुकने वाले नहीं हैं. जो गलत करेंगे, उन पर कार्रवाई होगी.
‘अराजकता का माहौल स्वीकार नहीं करेंगे’
विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि ये सरकार डबल इंजन की सरकार, जनता के सेवक के रूप में ईमानदारी से सेवा के लिए कदम बढ़ायी है, इसमें जो बाधक बनेंगे, वे बचेंगे नहीं, उन पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी प्रकार का कोई पत्र नहीं मिला है और न ही उन्हें यह जानकारी है कि कौन नाराज है. उन्होंने कहा कि अराजकता का माहौल हम स्वीकार नहीं करेंगे, सेवा का अवसर मिला हुआ है और जितने दिन मैं विभाग में हूं, जनता के लिए काम करूंगा.
‘अब चेतावनी नहीं, एक्शन का समय’
राजस्व कर्मियों ने यह भी जवाब दिया कि जो सही ढंग से काम करता है, उसे लाभ मिलता है. दबाव में मैं कोई काम नहीं करता हूं. उन्होंने कहा कि न्यायालयों पर जमीन के विवादों का अत्यधिक बोझ है और इसे कम करना हम सभी की जिम्मेदारी है. अब चेतावनी का समय नहीं है, अब एक्शन का समय है. हमने सभी अंचलाधिकारियों और पदाधिकारियों को कह दिया है कि जो फर्जी दस्तावेज लगाकर 420 का खेल खेलते हैं. सही जमीन का विवादित बना देते है. न्यायालय में केस करके लटका देते हैं, उनका पूरा संज्ञान लें. यदि फर्जी होने का साक्ष्य मिल जाये तो उस पर एफआईआर करें.
अंचलाधिकारियों और पदाधिकारियों को आदेश
साथ ही उन्होंने यह भी कहा, सभी अंचलाधिकारी, भू-माफिया, दलाल जमीन से जुड़े मामले में शराफत और इंसानियत के आंसू बहाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें, यदि कार्रवाई नहीं करेंगे तो विभाग आप पर कार्रवाई करेगा. किसी को न तो गाली दी जाती है और न ही किसी का अपमान किया जाता है. हम समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं.
राजस्व सेवा संघ ने लिखा था लेटर
मालूम हो, बिहार राजस्व सेवा संघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मंत्री की भाषा और कार्यशैली पर सवाल उठाया था. अपने पत्र में संघ ने लिखा था कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अमर्यादित बयानबाजी की जा रही है. ऐसी भाषा कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. इन परिस्थितियों में जल्द सुधार नहीं किया गया, तो संघ विवश होकर इस प्रकार के आयोजनों का सामूहिक बहिष्कार करने पर विचार करेगा. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र देकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी.