पटना में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने नगर निकायों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि शहरी प्रशासन की हालत फाइलों से नहीं, सड़कों और मोहल्लों से आंकी जाएगी.
सफाई व्यवस्था, सड़क किनारे जमा कचरा, टैक्स वसूली की पारदर्शिता और आम लोगों से संवाद.
इन सभी मोर्चों पर नगर निकायों को ठोस सुधार करना होगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक महीने के भीतर हर नगर निकाय से सुधार की लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए.
गुजरात मॉडल से सीखने की तैयारी
बैठक में विजय सिन्हा ने गुजरात मॉडल का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि गुजरात में शहरीकरण की दर 56 प्रतिशत है और वहां का नगर प्रबंधन देश के लिए उदाहरण माना जाता है. बिहार के नगर निकायों को उसी दिशा में ले जाने के लिए गुजरात भेजे जाने वाली एक विशेष अध्ययन टीम की घोषणा की गई है. उद्देश्य साफ है,बेहतर व्यवस्थाओं को समझकर उन्हें बिहार की शहरी जरूरतों के मुताबिक लागू करना.
टैक्सेशन और स्वच्छता पर सख्त रुख
उपमुख्यमंत्री ने साफ किया कि टैक्सेशन की खामियां, सफाई में लापरवाही और अपशिष्ट प्रबंधन में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े इन मुद्दों पर कोताही सीधे प्रशासन की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती है. आने वाले दिनों में शाखावार गहन समीक्षा होगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी.
अफसरों से शपथ, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
पटना के ज्ञान भवन में आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण कार्यशाला में विजय सिन्हा ने विभागीय अधिकारियों से हाथ उठवाकर शपथ दिलाई कि सभी कार्य तय समय-सीमा में पूरे होंगे. ईमानदारी, पारदर्शिता और कानून के पालन को लेकर सरकार का संदेश स्पष्ट है, भ्रष्टाचार के लिए अब कोई जगह नहीं है.