इनके स्थान पर 494 नए वाहनों की खरीद को मंजूरी दी गई है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए 70.53 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है, जिसे वित्तीय वर्ष 2025-26 के तहत जुलाई 2026 तक पूरा किया जाना है. पुलिस प्रशासन के शीर्ष स्तर पर कार्यक्षमता और फील्ड मूवमेंट को बेहतर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए नए वाहनों की व्यवस्था का निर्णय लिया है.
बड़े अधिकारियों के लिए 20-20 लाख की गाड़ी
डीआइजी और एसपी स्तर के अधिकारियों को आधुनिक और सुविधायुक्त वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि निगरानी, समन्वय और त्वरित निर्णय प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके. डीआइजी स्तर के लिए 20-20 लाख रुपये की लागत से छह नए और एसपी स्तर के अधिकारियों के लिए 16-16 लाख रुपये की लागत से 21 वाहन खरीदे जाएंगे.
इतनी गाड़ियों की होगी खरीद
पुलिस मुख्यालय के अनुसार थानों और फील्ड यूनिट्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 147 चार पहिया वाहनों की खरीद की जाएगी. इसके साथ ही पेट्रोलिंग और त्वरित कार्रवाई को मजबूत करने के लिए 157 नई मोटरसाइकिलें भी बेड़े में शामिल होंगी. विशेष श्रेणी के पुराने वाहनों के स्थान पर 15 एंबुलेंस, 51 ट्रूप कैरियर, 48 बस, 10 वज्र वाहन, 34 कैदी वाहन और पांच वाटर कैनन वाहन खरीदे जाएंगे.
सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग सिस्टम
पुलिस मुख्यालय में सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग सिस्टम से जुड़े विशेष कार्य बल की स्थापना को भी स्वीकृति दी गई है. इस परियोजना पर कुल 11.01 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बेल्ट्रान ने इसके लिए करीब 10 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है, जबकि सी-डॉट एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की खरीद पर एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जाएगी. पुलिस मुख्यालय के इन फैसलों के बाद माना जा रहा है कि पुलिस पेट्रोलिंग और बेहतर होगा. साथ ही पुलिस की कार्यक्षमता में भी बढोतरी होगी.