बेगूसराय पुलिस ने वर्दी पहनकर खुद को DSP बताकर ठगी करने वाले युवक को गिरफ्तार किया है। उसने बिहार पुलिस में दरोगा बनाने के नाम पर एक युवक से 20 लाख रुपए की ठगी की थी।
3 साल से वो युवक को जॉइनिंग के लिए टाल रहा था। युवक ने इसे लेकर थाने में केस दर्ज कराया था। FIR दर्ज होने के बाद आज पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम कर्ण कुमार (24) है। उसने बीए तक की पढ़ाई की है। उसकी शादी नहीं हुई है। परिवार में मां-पिता और एक भाई है।
आरोपी पहले दरोगा बताता था, फिर DSP बताने लगा। उसने अपनी गाड़ी पर भी DSP लिखवा रखा था। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली की एक युवक गाड़ी पर फर्जी तरीके से DSP लगवाकर घूम रहा है।
पुलिस ने उसके खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया। इसके बाद पीड़ित अभिषेक को पता चला कि कर्ण फर्जी DSP है। उसने अपने पैसे मांगने शुरू किए। आनाकानी करने पर अभिषेक ने FIR दर्ज कराई।
अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए फर्जी DSP की पूरी कहानी...
कर्ण हमेशा वर्दी में लोगों से मिला करता था। शनिवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।
पहली बार पुलिस की वर्दी में मिला था कर्ण
तेघड़ा DSP कृष्ण कुमार ने बताया कि, 22 नवंबर को तेघड़ा थाना में एक मामला दर्ज हुआ था। वनहारा गांव के रहने वाले अभिषेक कुमार ने बताया था कि दरोगा भर्ती के नाम पर रिफाइनरी थाना क्षेत्र के मोसादपुर गांव के रहने वाले नारायण महतो के बेटे कर्ण कुमार की ओर से अलग-अलग चेक के माध्यम से पैसे लिए गए हैं।
अभिषेक कुमार ने बताया कि मैं बेरोजगार था और नौकरी के लिए लगातार प्रयास कर रहा था। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इसी बीच 2022 में तेघड़ा के गौड़ा में एक लाइन होटल पर बिहार पुलिस का लोगो लगी अपाचे बाइक से दरोगा की वर्दी पहने कर्ण कुमार आया। बातचीत के दौरान उसने खुद को बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर बताया और नौकरी लगाने का लालच दिया।
20 लाख दो, बिहार पुलिस में नौकरी पक्की हो जाएगी
अभिषेक ने पुलिस को बताया कि, कर्ण ने मुझसे कहा तुम अनुसूचित जाति से हो और 20 लाख खर्च करो तो बिहार पुलिस में दरोगा के पद पर तुम्हारी नौकरी हो जाएगी।
इसके बाद मैंने अपने माता-पिता से इसकी चर्चा की। कर्ण वर्दी पहनकर मेरे घर पर भी आया। उसने बताया कि वो औरंगाबाद के मुफस्सिल थाने में पोस्टेड है। उसके कॉन्फिडेंस से मेरे घर में सभी को उसपर विश्वास हो गया।
घर में रखे रुपए के अलावा कर्ज लेकर दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 तक सात अलग-अलग चेक के माध्यम से उसे 19 लाख 50 हजार रुपए दिए।
फॉर्म भरने से मना किया, बोला- डायरेक्ट बहाली करवाऊंगा
इसके बाद कर्ण ने दरोगा का फॉर्म भरने से रोक दिया और कहा था कि डायरेक्ट बहाली हो जाएगी। डायरेक्ट बहाली के झांसा पर मुझे शक हुआ, लेकिन वह लगातार आश्वासन दे रहा था।
उसे पैसे दिए 3 साल हो चुके थे। काफी दिन होने के बाद जब कोई प्रक्रिया नहीं हुई तो हमने पैसा वापस करने का दबाव बनाया। इसी दौरान भी 2024 में पता चला कि साइबर थाना में उसके खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मामला दर्ज हुआ है। उस दिन से हम पैसा वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे और वह लगातार आश्वासन दे रहा था।
इधर 20 नवंबर को कर्ण गौड़ा के धर्मदेव चौक के पास मिला और हमने पैसा मांगा था। इस पर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगा।
फिलहाल तेघड़ा DSP के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने कर्ण को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। जल्द ही पुलिस खुलासा करेगी कि उसने और कितने लोगों के साथ ठगी की है।