बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी अंचल में सरकारी कृषि भूमि को निजी व्यक्ति के नाम दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) करने के सनसनीखेज मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है।
उपमुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी भूमि के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में भारी लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन अंचलाधिकारी (CO), कांटी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
6 एकड़ सरकारी प्रक्षेत्र की जमीन में लगा दी सेंध
पूरा मामला राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र, कांटी की भूमि से जुड़ा है। बताया गया कि अंचलाधिकारी ने विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र के नाम दर्ज कुल 6 एकड़ जमीन में से 44 डिसमिल भूमि का दाखिल-खारिज एक निजी व्यक्ति के पक्ष में कर दिया। नियमों के विरुद्ध जाकर किए गए इस म्यूटेशन को विभाग ने अत्यंत गंभीर प्रशासनिक चूक माना है।
विभागीय जांच में खुली पोल, CO पर गिरी गाज
अपर समाहर्ता (ADM), मुजफ्फरपुर द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ कि अंचलाधिकारी ने सक्षम न्यायालय में अपील दायर करने के बजाय सीधे सरकारी कृषि भूमि को निजी नाम पर दर्ज कर दिया। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर की अनुशंसा के बाद विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए तत्कालीन अंचलाधिकारी को सस्पेंड कर दिया।
हाईकोर्ट पहुंची सरकार, नीति साफ- 'जीरो टॉलरेंस'
मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दो टूक कहा है कि राज्य सरकार की भूमि किसी भी सूरत में हड़पी नहीं जा सकती और इस पर सरकार की नीति 'शून्य सहनशीलता' (Zero Tolerance) की है। वर्तमान में इस मामले को लेकर माननीय उच्च न्यायालय, पटना में प्रथम अपील वाद संख्या 195/2025 दायर की गई है, जो फिलहाल विचाराधीन है। महाधिवक्ता के विधिक मंतव्य के बाद जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा यह अपील की गई है।
दोषियों के विरुद्ध होगी कठोरतम कार्रवाई
उपमुख्य मंत्री ने सख्त लहजे में कहा है कि यदि जांच में नियमों की अनदेखी या न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या पायी गई, तो न केवल अधिकारियों बल्कि अवैध लाभार्थियों के विरुद्ध भी कठोरतम कानूनी और विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। प्रशासनिक हलकों में इस कार्रवाई से उन अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है जो भू-माफियाओं के साथ मिलकर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।