वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ शनिवार को झिटकिया से मधेपुरा तक 5 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च निकाला गया। साथ ही कलाभवन परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का भी आयोजन किया गया। हजारों लोगों की भागीदारी से प्रदर्शन में जबरदस्त जन समर्थन दिखा। इस दौरान भारी भीड़ के चलते धरना स्थल पर मंच टूट गया, जिससे कई लोग घायल हो गए।

मंच टूटने से अफरा-तफरी, पूर्व मंत्री सहित कई घायल
धरना के दौरान मंच पर अधिक संख्या में लोगों के चढ़ जाने से मंच भरभराकर गिर गया। हादसे में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और मधेपुरा विधायक प्रो. चंद्रशेखर, सीपीआई नेता प्रमोद प्रभाकर सहित कई लोग घायल हो गए। सभी घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। घटना के बाद कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया, लेकिन बाद में कार्यक्रम को नियंत्रित किया गया।
वक्फ कानून को बताया काला कानून
प्रदर्शनकारियों ने नए वक्फ कानून को "काला कानून" बताते हुए केंद्र सरकार पर वक्फ संपत्तियों पर कब्जे की साजिश का आरोप लगाया। मार्च में शामिल परवेज आलम ने कहा कि यह कानून किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

यह कानून अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है और वक्फ बोर्ड की आत्मनिर्भरता खत्म कर देगा।- फैयाज अहमद, प्रतिनिधि मौलाना, इमारत-ए-शरिया

यह सिर्फ मुसलमानों का मुद्दा नहीं- अबूजर खान
भीम आर्मी के जिला संयोजक अबूजर खान ने इसे न्याय और अधिकार की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन हर जागरूक नागरिक का है, ना कि सिर्फ किसी एक समुदाय का। एआईएसएफ जिलाध्यक्ष मोहम्मद वसीमुद्दीन उर्फ नन्हें और जाबाज खान ने इसे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई करार दिया।
प्रशासन की तैयारी भीड़ के आगे फेल
प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एएसपी खुद यातायात व्यवस्था संभाल रहे थे, लेकिन भारी भीड़ केसारा इंतजाम बौना साबित हुआ। धरना प्रदर्शन के दौरान ही व्यवस्था चरमरा गई और मंच टूट गया। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को जल्द नियंत्रित कर लिया।