छपरा। गड़खा, अमनौर एवं दरियापुर में अलग-अलग आर्केस्ट्रा संचालकों के यहां छापेमारी कर रेस्क्यू टीम ने महिला थाने कीपुलिस के सहयोग से शनिवार को 16 नाबालिक लड़कियों को मुक्त कराया।
वहीं इस मामले में दो आर्केस्ट्रा संचालक को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आर्केस्ट्रा संचालक सारण जिले केजनता बाजार थाना क्षेत्र के खुर्द लौवा निवासी राजेश राय के पुत्र धीरज कुमार एवं बनियापुर थाना क्षेत्र के सतुआ निवासी राज मोहम्मद साह के पुत्र बाबुदीन साह है।
तीन स्थानों पर की गई छापेमारी
सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डा. कुमार आशीष ने बताया कि तीन अप्रैल 25 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पत्र के आलोक में महिला थाना पुलिस द्वारा टीम गठित कर गड़खा, अमनौर एवं दरियापुर थाना क्षेत्र के आर्केस्ट्रा का विधिवत घेराबंदी कर छापामारी की गई।
सबसे अधिक पश्चिम बंगाल की 11 लड़कियां
इस क्रम में जबरन प्रताड़ित कर आर्केस्ट्रा में नृत्य करवाये जाने वाली 16 नाबालिग लड़कियों (जिनमें नेपाल की तीन, पश्चिम बंगाल की 11, झारखंड की एक एवं असम की एक) को मुक्त कराया गया। इस संबंध में महिला थाने में प्राथमिकी कर कार्रवाई की जा रही है।
कई संचालक मौके से हो गए फरार
जानकारी के अनुसार मुक्ति मिशन फाउंडेशन, दिल्ली, रेस्क्यू एवं रिलीफ फाऊंडेशन, पश्चिम बंगाल एवं नारायणी सेवा संस्थान, छपरा ने सारण पुलिस के सहयोग से आर्केस्ट्रा में काम कर रही नाबालिक लड़कियों को मुक्त कराया गया। इस दौरान कई संचालक मौके से फरार हो गए। आर्केस्ट्रा से बरामद लड़कियों का मेडिकल कराकर इन्हें बालिका गृह में रखा जाएगा। इसके बाद परिवार वालों से संपर्क कर उनहें घर वापस भेजा जाएगा।
लघु उद्योग के नाम पर होता संचालन
आर्केस्ट्रा के अड्डे पर छापेमारी के दौरान रेस्क्यू टीम एवं पुलिस को कुछ फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।जिनसे यह स्पष्ट हुआ कि आर्केस्ट्रा का संचालन लघु उद्योग के नाम पर किया जा रहा था। साथ ही फर्जी पुलिस सत्यापन से संबंधित दस्तावेज भी छापेमारी के दौरान पुलिस द्वारा जब्त किया गया है।
रंग व रूप के आधार पर तय होता पैसा
आर्केस्ट्रा में काम करने वाली लड़कियों का पैसा उनकी शारीरिक बनावट एवं रंग रूप के आधार पर तय किया जाता है। रेस्क्यू टीम के सदस्य एवं पुलिस सूत्रों ने बताया के पश्चिम बंगाल, झारखंड ,असम एवं नेपाल और दूसरे राज्यों से गरीब परिवारों की लड़कियों को दो से छह लाख रुपये सालाना कमाई का लालच देकर लाया जाता है। यह डील लड़की के शारीरिक बनावट और रंग-रूप और डांस के आधार पर तय होती है। कार्यक्रमों में मिलने वाली बख्शीश का आधा हिस्सा आर्केस्ट्रा मालिक को देना पड़ता है।