लापरवाही करने वाले वाहन मालिकों के लिए विभाग ने सख्त कदम उठाया है।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि शहर के लगभग 4 लाख वाहन मालिकों के पास पुराने आरसी बुक हैं, जिनमें मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है या फिर कोई मोबाइल नंबर ही दर्ज नहीं है। ऐसे में इन वाहन मालिकों को ई-चालान कटने की जानकारी नहीं होगी, लेकिन उन्हें जुर्माना अवश्य भरना होगा। इसके अलावा, लगभग एक लाख ऐसे वाहन हैं जिनके आरसी बुक अभी भी ऑनलाइन अपडेट नहीं हुए हैं। इन वाहनों के लिए ई-चालान जारी करना संभव नहीं है, लेकिन यदि इन्हें रोककर चेक किया जाता है तो इन पर भी चालान काटा जा सकता है।
यह समस्या मुख्य रूप से 2000 से 2008 के बीच खरीदी गई गाड़ियों के लिए है। उस समय स्मार्ट आरसी कार्ड की जगह आरसी बुक जारी किए जाते थे। 2009 से ही स्मार्ट आरसी कार्ड जारी किए जाने शुरू हुए हैं। स्मार्ट आरसी कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य होता है, जिससे ई-चालान की जानकारी सीधे वाहन मालिक के मोबाइल पर पहुंच जाती है।
लाखों वाहन मालिकों को यह नहीं पता होगा कि उनके खिलाफ चालान कटा है और उन्हें जुर्माना भरना है। बिना जुर्माना अदा किए वाहन के कोई भी दस्तावेज अपडेट नहीं होंगे। वाहन मालिकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए सरकार लोगों को ई-चालान सिस्टम के बारे में जागरूक करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने की कोशिश कर रही है। आरसी अपडेट कराने की प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाया जाना चाहिए।
सभी वाहन मालिकों को अपने वाहन के आरसी को तुरंत अपडेट करा लेना चाहिए। आरसी अपडेट कराते समय अपना मोबाइल नंबर सही से दर्ज कराएं। वाहन मालिकों को नियमित रूप से ई-चालान की जांच करते रहना चाहिए। आरसी कार्ड वाले वाहन मालिक अगर एक मिनट के लिए नियम तोड़े तो कम से कम एक हजार का ई-चालान का मैसेज मोबाइल पर पहुंच जाएगा। इसके बाद जुर्माना भरना पड़ेगा।
