सहरसा। कोविड-19 के दौरान असहाय परिवारों की दिक्कत को कम करने के लिए सरकार द्वारा कार्डधारियों के बीच मुफ्त चावल के साथ एक किलोग्राम दाल का वितरण किया जा रहा है। परंतु इस दाल का वजन बढ़ाने के लिए कई तरह का खेल हो रहा है।
दाल का वजन बढ़ाने के लिए पानी से भिगोंकर वितरण किए जाने के कारण इसमें फफूंद लग रहा है। एसएफसी गोदाम से यही दाल कार्डधारियों के बीच वितरण के लिए डीलरों को दिया जा रहा है। लेकिन दाल खराब रहने पर लाभुकों का विरोध पनपने लगा है। मामला उजागर होने पर प्रशासनिक अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। सीपीआइ नेता ओमप्रकाश नारायण ने इस संबंध में आपदा विभाग के प्रधान सचिव से लेकर जिले के प्रभारी सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम से शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार, दाल भिगोने के मामले में एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें सहरसा के किसी गोदाम में वितरण के लिए रखे गए इस दाल की बोरी को पाइप से पानी से डालकर गीला करने का मामला सामने आया है। दाल का वजन बढ़ाने के प्रयास से यह दाल सड़ गई। सीपीआइ नेता ने अधिकारियों को भेजे गए पत्र के माध्यम से कहा है कि डीलर जब सड़ी दाल लेने से इंकार कर रहे हैं तो एसएफसी प्रबंधक द्वारा डीलर पर धमकी देकर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने दाल का वजन बढ़ाने के लिए पानी मिलाने वाले की पहचान करने, दाल की कालाबाजारी करने वाले पदाधिकारी की पहचान कर उसके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने, जिस पदाधिकारी की लापरवाही से हजारों क्विटल दाल बर्बाद हुआ है, उसकी जांच कर जिम्मेवारी तय करते हुए कार्रवाई करने, कोविड-19 संकट में गरीबों के लिए सरकार द्वारा भेजे गए खाद्यान्न की कालाबाजारी की उच्च स्तरीय जांच कराने, सड़ी दाल का वितरण रोक लगाने की मांग की। सीपीआई नेता ने सोमवार को सलखुआ भ्रमण के दौरान गोदाम की पूरी स्थिति से अधिकारियों को अवगत कराया है।
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नवहट्टा गोदाम में दाल को भींगाने का मामला सामने आया था, उस डीएसडी संवेदक पर कार्रवाई की गई है। अन्य जगहों में परिवहन के दौरान थोड़ा बहुत दाल भींगा है, जिसे वितरण नहीं करने का निर्देश एसएफसी प्रबंधक को दिया गया है। तथा दाल के परिवहन में सावधानी बरतने का निर्देश डीएसडी संवेदक को दिया गया है।
कौशल कुमार
जिलाधिकारी, सहरसा।

