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संतोष कुमार भगत।
छातापुर(सुपौल): छातापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को प्रसव के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गयी। घटना से आक्रोशित मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर बवाल काटा। वे प्रसूता की मौत के लिए सरासर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेवार ठहरा रहे थे। अस्पताल परिसर में हो रहे हो-हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष अनमोल कुमार ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया। वहीं प्रखंड मुख्यालय में मौजूद अनुमंडल पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर मृतका के परिजनों समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मामले की जानकारी ली। उनके द्वारा दोषी व्यक्तियों पर अपेक्षित कार्रवाई का भरोसा दिए जाने के बाद आखिरकार लोग शांत हुए। घटना के बाबत मृतका सगीरा के परिजनों ने बताया कि उसके पति मु. सद्दाम दिल्ली में मजदूरी करते हैं। शनिवार को प्रसव पीड़ा होने पर उसे अपराह्न दो बजे पीएचसी लाया गया जहां उसने तीन बजे के करीब एक बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के उपरान्त ही उसकी सांसे थमनी लगी और वह काफी चौंकने लगी। जिसे देखकर उसकी सास ने रोना शुरू कर दिया। मृतका की सास को रोता देख ऑन ड्यूटी नर्स ने डॉक्टर को फोन किया। डॉक्टर पहुंचे भी परंतु ऑक्सीजन सिलेंडर का रेगुलेटर खुलने में ही काफी समय बीत गया और जबतक मरीज को ऑक्सीजन लगाया जाता उसके प्राण पखेरू उड़ चुके थे। परिजन घटना के लिये पीएचसी प्रभारी नवीन कुमार को जिम्मेवार ठहराते हुए उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग पर अड़े थे। हालांकि एसडीओ द्वारा मामले की जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया गया। बावजूद मृतका के परिजन समेत मौके पर जमा आक्रोशित लोग प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को तत्काल प्रभारी पद से हटाने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे। आ़िखरकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद आक्रोशित लोगों को शांत कराया जा सका।
संतोष कुमार भगत।
छातापुर(सुपौल): छातापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को प्रसव के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गयी। घटना से आक्रोशित मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर बवाल काटा। वे प्रसूता की मौत के लिए सरासर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेवार ठहरा रहे थे। अस्पताल परिसर में हो रहे हो-हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष अनमोल कुमार ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया। वहीं प्रखंड मुख्यालय में मौजूद अनुमंडल पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर मृतका के परिजनों समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मामले की जानकारी ली। उनके द्वारा दोषी व्यक्तियों पर अपेक्षित कार्रवाई का भरोसा दिए जाने के बाद आखिरकार लोग शांत हुए। घटना के बाबत मृतका सगीरा के परिजनों ने बताया कि उसके पति मु. सद्दाम दिल्ली में मजदूरी करते हैं। शनिवार को प्रसव पीड़ा होने पर उसे अपराह्न दो बजे पीएचसी लाया गया जहां उसने तीन बजे के करीब एक बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के उपरान्त ही उसकी सांसे थमनी लगी और वह काफी चौंकने लगी। जिसे देखकर उसकी सास ने रोना शुरू कर दिया। मृतका की सास को रोता देख ऑन ड्यूटी नर्स ने डॉक्टर को फोन किया। डॉक्टर पहुंचे भी परंतु ऑक्सीजन सिलेंडर का रेगुलेटर खुलने में ही काफी समय बीत गया और जबतक मरीज को ऑक्सीजन लगाया जाता उसके प्राण पखेरू उड़ चुके थे। परिजन घटना के लिये पीएचसी प्रभारी नवीन कुमार को जिम्मेवार ठहराते हुए उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग पर अड़े थे। हालांकि एसडीओ द्वारा मामले की जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया गया। बावजूद मृतका के परिजन समेत मौके पर जमा आक्रोशित लोग प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को तत्काल प्रभारी पद से हटाने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे। आ़िखरकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद आक्रोशित लोगों को शांत कराया जा सका।
