पूर्णिया: 15 साल का नाबालिग चला रहा था अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का रैकेट, NIA की एंट्री से हड़कंप
पूर्णिया. बिहार के पूर्णिया जिले से साइबर अपराध का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पुलिस से लेकर खुफिया एजेंसियों तक को चौंका दिया है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव में महज 15 साल का एक नाबालिग लड़का अपने छोटे से घर से देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैला साइबर ठगी का बड़ा रैकेट चला रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम दिल्ली से पूर्णिया पहुंच रही है।
पुलिस ने इस मामले में आरोपी दीपक मंडल और उसके दो नाबालिग बेटों को हिरासत में लिया है। दीपक मंडल पेशे से राजमिस्त्री बताया जा रहा है। छापेमारी के दौरान पुलिस को ऐसे सबूत मिले हैं, जो इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं।
कमरे में बैठकर करता था करोड़ों की ठगी
स्थानीय लोगों के अनुसार, दीपक मंडल का परिवार समाज से कटा-कटा रहता था। खासकर छोटा बेटा, जो इस पूरे साइबर रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, ज्यादातर समय अपने कमरे में ही बंद रहता था। उसका कमरा पूरी तरह हाईटेक सेटअप से लैस था।
पुलिस की छापेमारी में कमरे से लैपटॉप, कई मोबाइल फोन, आईफोन, एटीएम कार्ड, बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज और अन्य साइबर उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए किया जाता था।
90 हजार डॉलर और 2.60 करोड़ रुपये का अकाउंट बैलेंस
जांच के दौरान पुलिस उस वक्त हैरान रह गई, जब एक बैंक खाते में करीब 90 हजार अमेरिकी डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 81 लाख रुपये) मिले। वहीं, दूसरे खाते में 2 करोड़ 60 लाख रुपये जमा पाए गए। इसके अलावा भी कई अन्य संदिग्ध बैंक खातों की जानकारी पुलिस को मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की पुष्टि हो चुकी है।
कम पढ़ा-लिखा, लेकिन साइबर अपराध में बेहद शातिर
जानकारी के अनुसार, 15 साल का यह नाबालिग ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है, लेकिन साइबर तकनीक का इस्तेमाल करने में बेहद माहिर है। वह ऐप, फर्जी केवाईसी, आधार से जुड़े तकनीकी हथकंडों और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए लोगों के खातों से मिनटों में पैसे उड़ा लेता था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशी नागरिकों को भी निशाना बनाकर डॉलर में ठगी करता था। ठगी की रकम को बाद में भारतीय खातों में ट्रांसफर कराया जाता था।
वरिष्ठ अधिकारी मौके पर, जांच तेज
मामले की जानकारी मिलते ही पूर्णिया के प्रभारी एसपी, अररिया के एसपी अंजनी कुमार, पटना से साइबर डीएसपी, पूर्णिया के एएसपी और सदर एसडीपीओ समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मुफस्सिल थाना पहुंच गए।
एसपी ने मीडिया से कहा,
“अभी जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद पूरे मामले का विस्तृत खुलासा किया जाएगा।”
घर सील, NIA करेगी गहन जांच
फिलहाल पुलिस ने आरोपी का घर सील कर दिया है। पुलिस और साइबर टीम यह पता लगाने में जुटी है कि इस साइबर रैकेट के तार देश के किन-किन राज्यों और किन-किन देशों से जुड़े हैं।
अब NIA की एंट्री के बाद इस मामले में कई बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ने पर आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
इस खुलासे के बाद पूरे गांव में चर्चा का माहौल है। एक साधारण राजमिस्त्री के घर से करोड़ों रुपये और अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का नेटवर्क सामने आना, सभी के लिए चौंकाने वाला साबित हुआ है।
जांच जारी है…