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Saturday, December 27, 2025

MADHEPURA:8.60 करोड़ से बन रहा 50 हजार लीटर क्षमता वाला मिल्क चिलिंग प्लांट, 3500 महिलाओं को मिलेगा रोजगार का सहारा

 


8.60 करोड़ से बन रहा 50 हजार लीटर क्षमता वाला मिल्क चिलिंग प्लांट, 3500 महिलाओं को मिलेगा रोजगार का सहारा

मधेपुरा। बिहार के मधेपुरा जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत बुधमा में अत्याधुनिक मिल्क चिलिंग प्लांट का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से 8.60 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए जा रहे इस प्लांट के चारों ओर चारदीवारी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह परियोजना जिले के दुग्ध उत्पादन को नई दिशा देने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।

इस मिल्क चिलिंग प्लांट के चालू होने के बाद जिले की लगभग 3500 महिलाओं को को-ऑपरेटिव के माध्यम से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। दूध की खरीद महिला दुग्ध उत्पादक समितियों के जरिए की जाएगी, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें नियमित आय का साधन प्राप्त होगा।

50 हजार लीटर क्षमता वाले मिल्क चिलिंग प्लांट की स्थापना

यहां 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में जिलाधिकारी अभिषेक रंजन ने निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण कर कार्य प्रगति की समीक्षा की और संबंधित एजेंसियों को समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा करने का निर्देश दिया ताकि इसका लाभ शीघ्र आम लोगों तक पहुंच सके।

मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 30 जनवरी को अपनी प्रगति यात्रा के दौरान बुधमा में मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित करने की घोषणा की थी। इसके बाद परियोजना को कैबिनेट की स्वीकृति मिली और 8.60 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी प्रदान की गई।

दूध की गुणवत्ता बनाए रखना परियोजना का मुख्य उद्देश्य

कोसी प्रोजेक्ट मिल्क यूनियन, सुपौल के प्रबंध निदेशक नवीन कुमार ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य कच्चे दूध की गुणवत्ता को संरक्षित रखना और कोसी मिल्क यूनियन के नेटवर्क को जिले के दूर-दराज गांवों तक विस्तार देना है।

उन्होंने बताया कि मिल्क चिलिंग प्लांट में दूध को चार डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया जाएगा, जिससे उसकी गुणवत्ता बनी रहेगी और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि बुधमा में चिलिंग पाइंट का कार्य तेजी से चल रहा है और समय पर इसे पूरा कर मधेपुरा को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई जाएगी।

पशुपालकों को मिलेगा स्थानीय बाजार, 5000 लोगों को होगा लाभ

मिल्क चिलिंग प्लांट के शुरू होने से जिले के लगभग 5000 लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। स्थानीय किसान और पशुपालकों को दूध बेचने के लिए अपने क्षेत्र में ही बेहतर बाजार मिलेगा, जिससे परिवहन खर्च कम होगा और आय में वृद्धि होगी।

इस परियोजना से न सिर्फ दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के माध्यम से पूरे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को भी गति मिलेगी।