भोजपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि: AEPS के जरिए साइबर ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब, एक गिरफ्तार
भोजपुर पुलिस ने आधार कार्ड से फिंगरप्रिंट आधारित ट्रांजैक्शन (Aadhaar Enabled Payment System – AEPS) के माध्यम से आम लोगों के खातों से पैसे उड़ा रहे साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।
ऐसे हुआ मामला दर्ज
दिनांक 11.10.2025 को शाहपुर निवासी आवेदिका अंकिता कुमारी भोजपुर साइबर थाना पहुंचीं और लिखित शिकायत दी। उन्होंने बताया कि 23.09.2025 को मुख्यमंत्री बालिका योजना के तहत उनके दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक खाते (खाता संख्या–75121500017515) में ₹50,000 आने की सूचना मिली थी।
इसके बाद वह राशि की जांच कराने दुकान पर गईं जहां दुकान संचालक ने आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के आधार पर बताया कि खाते में राशि आ गई है।
लेकिन जब 09.10.2025 को वे पैसे निकालने गईं तो पता चला कि खाते में सिर्फ ₹120 ही बचे हैं। अगले दिन बैंक स्टेटमेंट निकलवाने पर पता चला कि 27.09.2025 से 08.10.2025 के बीच अवैध तरीके से कई बार राशि निकाली गई है।
शिकायत के आधार पर सनहा संख्या–183/25 दर्ज कर जांच शुरू की गई। मनी ट्रेल और KYC जांच के आधार पर मामला स्पष्ट होने पर भोजपुर साइबर थाना कांड संख्या–79/25 दिनांक 08.12.2025 को दर्ज किया गया, जिसमें BNS की धारा 318(4), 319(2), IT Act 66(C), 66(D) एवं Aadhaar Act 2016 की धाराएँ लगाई गईं।
कैसे पकड़ा गया साइबर ठग?
एसपी भोजपुर के निर्देश पर थानाध्यक्ष स्नेहसेत (डीएसपी–साइबर), पु.नि. पिंकू कुमार, पु.अ.नि. स्वाती रानी, तथा टेक्निकल टीम सहित एक विशेष दल का गठन किया गया।
तकनीकी विश्लेषण में पता चला कि ठगी की गई राशि Indian Post Payment Bank A/C No–006610430318 में ट्रांसफर की गई थी, जिसका धारक देवानंद कुमार (पिता–जगदीश विश्वास), निवासी–लखनारे, थाना–जलालगढ़, जिला–पूर्णिया है।
उसे पूछताछ के लिए थाने में उपस्थित होने का आदेश दिया गया। दिनांक 08.11.2025 को वह थाने पहुंचा, जहाँ पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार किया।
देवानंद ने बताया कि वह अपने गांव के दोस्तों और एक रिश्तेदार (जीजा) के साथ मिलकर AEPS आधारित साइबर गिरोह में सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था।
जिसके बाद उसे विधि अनुसार गिरफ्तार कर लिया गया।
आगे की कार्रवाई जारी
गिरोह में शामिल अन्य अपराधियों की पहचान की जा चुकी है और उनकी गिरफ्तारी हेतु लगातार छापेमारी जारी है। पुलिस का कहना है कि यह साइबर ठग लंबे समय से AEPS का दुरुपयोग कर ग्रामीण महिलाओं और आम उपभोक्ताओं को निशाना बनाता था।