पटना। बिहार सरकार जल्द ही घोटाले के आरोपी दो निलंबित जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और एक क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (RDDE) को बर्खास्त करने की कार्रवाई पूरी करेगी।
इनमें विभिन्न शैक्षणिक योजनाओं में घोटाले के आरोपी और विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई में फंसे किशनगंज जिले के निलंबित जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सुभाष गुप्ता, पश्चिम चंपारण के निलंबित डीईओ रजनीकांत प्रवीण और तिरहुत प्रमंडल, मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) वीरेंद्र नारायण सिंह शामिल हैं।
सोमवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इसकी जानकारी पत्रकारों को दी। किशनगंज के तत्कालीन डीईओ रहे (अभी निलंबित) सुभाष गुप्ता और पश्चिम चंपारण के तत्कालीन डीईओ रजनीकांत प्रवीण और क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (तिरहुत प्रमंडल) वीरेंद्र नारायण सिंह पर शैक्षणिक योजनाओं के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप है जिसकी जांच विजिलेंस ब्यूरो की टीम कर रही हैं।
करोड़ों की गड़बड़ी आई थी सामने
सुभाष गुप्ता और रजनीकांत प्रवीण द्वारा बेंच-डेस्क की खरीद, आइसीटी लैब का निर्माण, नाइट गार्ड की नियुक्ति, विद्यालय भवनों के जीर्णोद्धार, प्रयोगशालाओं के अपग्रेडेशन समेत अन्य मामलों में करोड़ों रुपये की अनियमितताएं सामने आई हैं।
इस मामले में संबंधित जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा विभाग ने संबंधित आरोपी अधिकारियों को निलंबित कर रखा है और विजिलेंस की जांच भी अंतिम चरण में है।
वहीं विशेष निगरानी इकाई ने तत्कालीन क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक वीरेंद्र नारायण सिंह के पटना, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया स्थित ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी की थी।
वहां से बड़ी मात्रा में नकदी, सोने के आभूषण और संपत्ति के कागजात मिले थे, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और जांच जारी है।