मधेपुरा के आलमनगर प्रखंड के लूटना टोला में 23 साल पहले हुई हत्या के मामले में मधेपुरा कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 राजेश कुमार की अदालत ने पारो राय और सोती राय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
2003 में हुई थी सत्तन साह की हत्या
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता नूर आलम के अनुसार, यह मामला 30 अप्रैल 2003 का है। कौशल्या देवी ने अपने देवर सत्तन साह की हत्या का आरोप गांव के ही पारो राय, सोती राय समेत 6 लोगों पर लगाया था।
एफआईआर के मुताबिक, घटना के दिन कौशल्या देवी घर के पास बैठी थी, तभी हथियारों से लैस आरोपी वहां पहुंचे और सत्तन साह पर दो गोलियां दागीं। सत्तन की मौके पर ही मौत हो गई। शोर सुनकर जब लोग जमा हुए, आरोपी फरार हो गए।
पहले पति का अपहरण, फिर देवर की हत्या
कौशल्या देवी ने यह भी बताया था कि आरोपियों ने पहले उसके पति का अपहरण भी किया था। इस केस में अभियोजन पक्ष ने 7 गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया।
सभी पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों की जांच के बाद अदालत ने पारो राय और सोती राय को दोषी करार दिया, जबकि चार अन्य को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।