सहरसा:- जब कोई अपना बीमार पड़ता है तो परिवार वाले हर संभव कोशिश करते हैं कि कैसे भी वह ठीक हो जाए. लेकिन वह भी तब तक कोशिश कर पाते हैं जब तक परिस्थिति उनके हाथों में होती है. लेकिन जब परिस्थित हाथ में नहीं होती तो वे भी बेबस नजर आते हैं. दरअसल सहरसा से एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसके बाद कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे है.
आपको बता दें कि गंभीर रूप से बीमार एक लड़की को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस जैसे ही रेलवे फाटक के पास पहुंची तभी फाटक लग गया और जाम की समस्या उत्पन्न हो गई. काफी देर के बाद जब जाम नहीं खुला तो परिजनों को मजबूरी में एंबुलेंस से मरीज को गोद में लेकर फाटक को नीचे से पार करना पड़ा. इस दौरान एक व्यक्ति को हाथ में स्लाइन की बोतल और दूसरे व्यक्ति को बीमार लड़की को गोद में उठाकर रेलवे फाटक पार करना पड़ा. जिसके बाद किसी राहगीर से बाइक लेकर उसे अस्पताल तक पहुंचाया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.।
ओवरब्रिज की चर्चा हुई तेज
इस घटना के सामने आने के बाद सहरसा के लोगों के बीच एक बार फिर ओवर ब्रिज की चर्चा तेज हो चुकी है. सहरसा में कई वर्षों से एक ओवर ब्रिज की मांग की जा रही है. अगर जाम की समस्या नहीं होती तो शायद इस लड़की की जान बच सकती थी, लेकिन सहरसा के भीषण जाम ने इस लड़की को भगवान के घर भेज दिया है.
नेताओं को नहीं रहती कोई खबर
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय निवासी सोहन झा ने बताया, कि आए दिन जाम की वजह से न जाने कितने लोगों की जान चली गई, लेकिन इस पूरे मामले से जनप्रतिनिधि बेखबर रहते हैं. उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता रहती है. जनता का क्या हाल है इससे कोई लेना-देना नहीं होता है. यह कोई नई बात नहीं है कि इस जाम में कई लोगों की जानें चली गई हैं, लेकिन लगातार इस तरह की घटना होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. वर्षों से सहरसा वासी ओवरब्रिज की मांग करते आ रहे हैं. सहरसा नगर निगम होने के बावजूद , यहां के लोग अभी भी भीषण जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। घंटों एंबुलेंस जाम में फंसी रहती है, मरीज तड़पता रहता है, लेकिन सत्ता में बैठने वाले नेताओं को इसकी खबर तक नहीं रहती है ।
