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सूत्रों की मानें तो नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बवाल काटने के लिए भाड़े पर दूसरे शहरों से शरारती तत्वों को बुलाया गया था। दो दिन से छात्र संगठनों और विभिन्न संस्थाओं के प्रदर्शन में नए-नए चेहरे आ रहे थे पर खुफिया विभाग के अधिकारियों ने उनकी पहचान करना जरूरी नहीं समझा। शुक्रवार और शनिवार को बवाल के बाद गांधी मैदान थाने में अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कोरम पूरा किया गया।
पटना CAB Protest in Patna, Bihar: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता और शरारती तत्व रविवार को उग्र प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पुलिस के खुफिया तंत्र को उनके मंसूबों की भनक तक नहीं मिली। सामूहिक दुष्कर्म और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चार दिन से कारगिल चौक पर रोज बवाल हो रहा है। हर दिन स्पेशल ब्रांच और इंटिलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी मौजूद थे पर प्रदर्शनकारियों की योजना के सामने पुलिस का सूचना तंत्र पूरी तरह विफल साबित हुआ।
दूसरे शहरों से शरारती तत्वों को बुलाया गया था पटना
शरारती तत्वों ने इस तरह बनायी थी योजना
रविवार की दोपहर से शरारती तत्व व उपद्रवी टुकडिय़ों में कारगिल चौक पर जमा होने लगे। कुछ यात्री बनकर बांकीपुर बस स्टैंड में चल गए और कुछ राहगीर की शक्ल में गांधी मैदान के पूर्वी छोर की तरफ खड़े थे। सभी ने हमला करने के लिए ईंट और पत्थर जमा कर लिए थे। चार बजे तक पुलिस आश्वस्त हो गई कि अब कोई प्रदर्शन नहीं होने वाला है और पुलिसकर्मी जहां-तहां ड्यूटी पर चले गए, तब शरारती तत्वों ने कारगिल चौक को घेरना शुरू किया।
उपद्रवियों भीड़ देख उल्टे पांव भागी पुलिस
प्रदर्शनकारियों ने पहले उन्होंने सड़क पर आगजनी कर यातायात परिचालन बाधित किया, फिर राहगीरों और मीडियाकर्मियों की बाइक फूंकने लगे। पुलिस की गाड़ी पहुंचते ही उन्होंने ईंट-पत्थर से हमला बोल दिया। लगभग पांच हजार की भीड़ में मुट्ठीभर पुलिसकर्मी तैनात थे जो पथराव शुरू होते ही उल्टे पांव भागने लगे।
उपद्रवियों ने गांधी मैदान थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह को पकड़ लिया। उनके साथ मारपीट करने लगे। किसी तरह दूसरे पुलिसकर्मियों ने उन्हें भीड़ से बाहर निकाला। उपद्रवियों के पथराव से कांस्टेबल अंजना कुमारी और अंजली कुमारी बुरी तरह घायल हो गईं। तब टाउन डीएसपी कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और मजिस्ट्रेट से इजाजत लेने के बाद लाठीचार्ज कर दिया। इससे शरारती तत्व और हिंसक हो गए। अशोक राजपथ पर भागने के दौरान उन्होंने राहगीरों पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान लगभग एक दर्जन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
हंगामा शांत कराने के बाद पुलिस ने मुखबिरों की मदद से आरोपितों की पहचान करने की कोशिश की तो इसमें एक राजनीतिक दल के छात्र संगठन की भूमिका सामने आई। साथ ही मालूम हुआ कि सब्जीबाग और पटना सिटी के कुछ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाड़े पर उपद्रवियों को बुलाया था।
पुलिस की नौ टीमें विभिन्न कॉलेजों के हॉस्टलों और लॉज में छापेमारी कर रही है। एनआइटी मोड़ के सामने एक लॉज में छापेमारी के दौरान कुछ उपद्रवियों की पहचान हुई, जो दूसरे शहर से आए थे।
