Kosi Live-कोशी लाइव BIHAR:अब सीबीआई करेगी सुपौल के फर्जी सिम बॉक्स मामले की जांच, नोटिफिकेशन जारी - Kosi Live-कोशी लाइव

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Friday, December 26, 2025

BIHAR:अब सीबीआई करेगी सुपौल के फर्जी सिम बॉक्स मामले की जांच, नोटिफिकेशन जारी

पटना। इस साल जुलाई में सुपौल में पकड़े गए फर्जी सिम बॉक्स से साइबर ठगी मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) करेगी। गृह विभाग ने बिहार पुलिस से यह केस सीबीआई को स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी कर दी है।

अभी तक बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इस मामले की जांच कर रही थी।

यह फर्जी सिम बॉक्स से जुड़ा दूसरा कांड है, जिसे सीबीआई को सौंपा गया है। इसके पूर्व भोजपुर के नारायणपुर गांव में पकड़े गए फर्जी सिम बॉक्स मामले की जांच भी नवंबर में सीबीआई को सौंपी जा चुकी है।

दरअसल, फर्जी सिम बॉक्स मामले के तार थाईलैंड, कंबोडिया, चीन, वियतनाम, बैंकाक जैसे देशों के साइबर ठगों से जुड़े हैं। इसमें अवैध सिम बॉक्स के माध्यम से इन देशों की साइबर धोखाधड़ी एवं फ्रॉड से जुड़ी इंटरनेट कॉल (वीओआईपी कॉल) को लोकल जीएसएम काल में रूपांतरित कर लोगों से साइबर धोखाधड़ी की जा रही थी।

ईओयू ने सबसे पहले सुपौल में इस गिरोह को पकड़ा जिसके बाद भोजपुर और अन्य जिलों में इससे जुड़े साइबर अपराधी पकड़े गए थे। प्रारंभिक जांच में प्रतिदिन हजारों की संख्या में फर्जी काल किए जाने की जानकारी मिली है। जांच में फर्जी सिम बॉक्स के तार देश के कई राज्यों से भी जुड़े मिले थे।

इसमें झारखंड, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। इसी कारण बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था। गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूर करते हुए सीबीआई को जांच की कमान सौंपने का निर्देश दिया है।

21 साल का हर्षित मास्टरमाइंड, कई बार गया विदेश:

सुपौल के गौसपुर में पकड़े गए गिरोह का मास्टरमाइंड 21 वर्षीय हर्षित कुमार है, जिसे आधा दर्जन साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से आठ सिम बॉक्स डिवाइस, सैकड़ों की संख्या में सिम कार्ड, कई बैंकों के पासबुक, क्रिप्टो करेंसी, एटीएम एवं क्रेडिट कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए गए थे। हर्षित पिछले कुछ वर्षों में थाईलैंड, बैंकाक समेत दर्जनभर देशों की यात्रा कर चुका है।