12 जून को हुई थी हत्या
पुलिस के मुताबिक कपिल का बार-बार घर आना 15 वर्षीय सूरज को अच्छा नहीं लगता था. इस बात को लेकर सूरज ने कई बार विरोध भी जताया था ऐसे में कपिल में उसे राह से हटा देना ही उचित समझा ताकि उसका प्रेम की राह में कोई कांटा न बन सके. अपने इसी षड़यंत्र के तहत उसने अपने बहनोई सुनील पासवान को साथ में लेकर 12 जून को गला दबाकर सूरज की हत्या कर दी और शव को बधार में फेंक दिया लेकिन हत्या की इस वारदात के दौरान मिले एक सुराग ने उसे पुलिस की गिरफ्त में ला दिया.
वोटर आईडी से पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी
घटना के बाद पुलिस ने जब मौके का मुआयना किया तब घटनास्थल के पास से एक वोटर आईडी कार्ड मिला. उसी कार्ड को आधार बनाकर जब इसकी वैज्ञानिक तरीके से जांच शुरू की गयी तब परत दर परत राज खुलने लगे और आखिरकार दोनों ने घटना पर पड़े सारे पर्दे खोल दिये. चूंकि सूरज के पिता रोज़ी-रोटी को लेकर बाहर रहते थे ऐसे में सूरज की मां का शारीरिक संबंध गांव के ही युवक कपिल के साथ बन गया था जो परवान चढ़ चुका था और यही बात सूरज को अच्छी नहीं लगती थी.
स्पीडी ट्रायल होगा
एसडीपीओ ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल चलाकर दोनों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाए जाने की भरपूर कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि शुरू से ही बिल्कुल ब्लाइंड इस केस को सुलझा लेनेवाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा.