सहरसा। जिले में अंडा की बिक्री में भारी गिरावट आई है। पहले की अपेक्षा वर्तमान में अंडे की बिक्री 20 फीसदी ही रह गई है। दरअसल यह स्थिति कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की वजह से उत्पन्न हुई है। यही कारण है कि लॉकडाउन अवधि में अंडा और मुर्गा खाने वाले भी इसकी खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। बाजार में आमलोगों में यह धारणा बैठ गई कि कोरोना संक्रमण में मुर्गा, अंडा और मांस, मछली नहीं खाना चाहिए। जबकि चिकित्सक के अनुसार ऐसा कुछ नहीं है।
चिकित्सक डॉ. आइडी सिंह कहते हैं कि प्रोटीन और विटामिन युक्त सब्जी इस समय खाना चाहिए। वैसे अंडा शरीर के रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाता है। मछली, मुर्गा और अंडा में तो प्रोटीन रहता है।
वहीं लॉकडाउन वन में मुर्गा की कम बिक्री थी। लेकिन अब आवक कम होने से मुर्गा के मूल्यों में तेजी आई है। 120 रूपये किलो बिकने वाला मुर्गा अभी 160 रूपये किलो बिक रहा है। अंडा का बाजार लॉकडाउन में तेजी से घटा है। अंडा की दुकानें शहर के हर रोड में प्राय: है। खुदरा अंडा की बिक्री पहले भी पांच रुपये पीस बिकती थी और आज भी पांच रुपये बिक रहा है। खुदरा बाजार में अंडा हर जगह मिल रहा है। लेकिन इसकी बिक्री में गिरावट आ गयी है। लॉकडाउन के पहले सहरसा जिले में प्रतिमाह तीन से चार ट्रक अंडा की बिक्री होती थी। जो अब घटकर आधा ट्रक पर पहुंच गया है। शहर में अंडा की दो-दो थोक दुकान है। लेकिन अंडा की बिक्री घटने से थोक विक्रेताओं की परेशानी बढ़ी हुई है। वे कहते है कि आमदनी घट गयी लेकिन खर्चा तो वहीं हो रहा है। दुकान भाड़ा, कर्मचारी का वेतन सहित बिजली बिल सब पॉकेट से भरना पड़ रहा है। शहर के थाना चौक स्थित अंडा के खुदरा विक्रेता मो. सरफराज कहते हैं कि पहले प्रतिदिन 10-12 कार्टन अंडा बिकता था अब मुश्किल से दो कार्टून बिकता है। वे कहते है हॉलसेल से लेकर अंडा बेचते है। एक अंडा पर एक रूपये की बचत होती है।
होटल व रेस्तरां है बंद
अंडा की कीमत कम रहने से आम लोग भी इसे बडे चाव से खाते है। अंडा की बिक्री घटने का एक कारण यह भी है कि गली- मुहल्लों व चौक्- चौराहों पर लगनेवाले ठेला पर अंडा की बिक्री फिलहाल बंद है। जिस कारण भी अंडा की बिक्री का ग्राफ घटा है। वहीं होटल व रेस्तरां भी पूरी तरह बंद है। जिस कारण अंडा की बिक्री काफी घट गयी है। फिलहाल घरेलू बजट में ही अंडा शामिल है।
- लोकल स्तर पर भी उपलब्ध है अंडा
अंडा के विक्रेता कहते है कि लॉकडाउन में लोकल स्तर पर अंडा उपलब्ध है। सहरसा से सटे सुपौल के परसरमा एवं मधेपुरा जिले के चौसा से अंडा की उपलब्धता हो जाती है। बाजार के बिक्री कम होने से लोकल मुर्गा फार्म वाले ही आपूर्ति करते है। पहले यहीं अंडा पंजाब, हरियाणा से मंगवाया जाता था। अभी स्थानीय बाजार से ही अंडा की आपूर्ति काउंटर पर होने लगी है।